गोरखपुर (Gorakhpur) के ललित नारायण मिश्रा रेलवे हॉस्पिटल के एक टॉयलेट (Toilet) में समाजवादी पार्टी के झंडे के रंग वाले टाइल्स को लेकर सियासी विवाद खड़ा हो गया है. सपा ने रेलवे से 24 घंटे के भीतर इन टाइल्स को बदलने का अल्टीमेटम दिया है.
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समाजवादी पार्टी के नेताओं ने रेलवे के महाप्रबंधक से भी मुलाकात की है. सपा नेताओं ने पार्टी के झंडे के रंग वाले टाइल्स 24 घंटे में हटाने कहा है. गोरखपुर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गृह नगर भी है. सपा ने मामले को लेकर ट्वीट भी किया. उसने ट्वीट में लिखा कि दूषित सोच रखने वाले सत्तासीन नेताओं द्वारा राजनीतिक द्वेष की वजह से गोरखपुर रेलवे अस्पताल में शौचालय की दीवारों को सपा के रंग में रंगना लोकतंत्र को कलंकित करने वाली शर्मनाक घटना है. एक प्रमुख राजनीतिक पार्टी के ध्वज के रंगों का अपमान घोर निंदनीय हैं. पार्टी ने रेलवे से इस मामले में संज्ञान लेते हुए तत्काल रंग बदलने की मांग की है.
दूषित सोच रखने वाले सत्ताधीशों द्वारा राजनीतिक द्वेष के चलते गोरखपुर रेलवे अस्पताल में शौचालय की दीवारों को सपा के रंग में रंगना लोकतंत्र को कलंकित करने वाली शर्मनाक घटना!
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) October 29, 2020
एक प्रमुख राजनीतिक पार्टी के ध्वज के रंगो का अपमान घोर निंदनीय।
संज्ञान ले हो कार्रवाई, तत्काल बदला जाए रंग। pic.twitter.com/AE28tJ8Wvo
रेलवे ने कहा, टाइल्स पुराने, कोई राजनीतिक मकसद नहीं
रेलवे ने एक ट्वीट कर स्पष्ट किया है कि यह टाइल्स पहले से लगी हैं. इसका कोई राजनीतिक मक़सद नहीं है. इसे बेवजह तूल दिया जा रहा है. उसका कहना है कि स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत गोरखपुर रेलवे हॉस्पिटल के टॉयलेट में लगे यह टाइल्स वर्षों पुराने हैं. इन टाइल्स को लगाने का उद्देश्य बेहतर साफ सफाई सुनिश्चित करना है. इसका किसी भी राजनीतिक दल से कोई भी संबंध नहीं है. आइये साथ मिलकर स्वच्छ भारत मिशन में सहयोग करें.
मांग नहीं मानी तो प्रदर्शन करेंगे
सपा के नेता और कार्यकर्ता गुरुवार को गोरखपुर कार्यालय में भी इकट्ठा हुए. उन्होंने इस मामले में रोष प्रकट करते हुए दोषी लोगों पर कार्रवाई की मांग रखी.सपा जिलाध्यक्ष राम नगीना साहनी ने कहा कि हम पार्टी के ध्वज का अपमान कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि ये टॉयेलट 3-4 महीने पहले ही बना है और बुधवार को पहली बार पार्टी की जानकारी में यह मामला आय़ा. उन्होंने मांग नहीं मानने पर सड़क पर विरोध प्रदर्शन की धमकी दी.
(पीटीआई के इनपुट के साथ)
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