विश्व भारती विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह (Centenary Celebrations) में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को निमंत्रण भेजने पर विवाद शुरू हो गया है. गुरुवार को बंगाल के इस ऐतिहासिक और प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्चुअल माध्यम से संबोधित किया था, लेकिन इस समारोह में ममता बनर्जी नहीं आई थीं. इसपर यह विवाद खड़ा हो गया है कि क्या ममता बनर्जी को इस समारोह के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था?
बता दें कि इस विश्वविद्यालय के चांसलर प्रधानमंत्री होते हैं. ऐसे में जब अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव को लेकर आपस में भिड़ी तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के बीच इसपर विवाद शुरू हो गया है. बीजेपी का कहना है कि मुख्यमंत्री बनर्जी को चार दिसंबर को आमंत्रण पत्र भेजा गया था. हालांकि, ममता सरकार के राज्य मंत्री ब्रत्य बसु का कहना है कि सरकार के पास इस निमंत्रण पत्र की कोई पावती नहीं है.
हालांकि, विश्व भारती विश्वविद्यालय का ममता बनर्जी के नाम पर लिखा गया एक निमंत्रण पत्र सामने आया है, जिसपर 4 दिसंबर, 2020 की तारीख है. इस पत्र पर विश्वविद्यालय के उपाचार्य विद्युत चक्रवर्ती के हस्ताक्षर हैं.
ममता ने गुरुवार को शताब्दी समारोह पर ट्वीट किया था लेकिन वे इस कार्यक्रम में नहीं गईं. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, 'विश्व भारती यूनिवर्सिटी को 100 साल हो गए. यह शिक्षा का मंदिर रबींद्रनाथ टैगोर का आदर्श मनुष्य बनाने की दिशा में सबसे बड़ा प्रयोग था. हमें इस महान के विज़न और दर्शन को हमेशा संरक्षित करके रखना चाहिए.'
उधर, पश्चिम बंगाल के लिए बीजेपी के सहप्रभारी अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि ममता ने आमंत्रण स्वीकर न कर गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर के विश्व भारती का अपमान किया है.
Video: विश्व भारती यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह में PM मोदी
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