सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम (Supreme Court Collegium) की दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) के जस्टिस संजीव खन्ना को सुप्रीम कोर्ट के जज के तौर पर नियुक्ति की सिफारिश पर विवाद गहराया गया है. अब सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस संजय किशन कौल (Justice Sanjay Kishan Kaul) ने ही सवाल उठा दिए हैं. इसको लेकर जस्टिस कौल ने सीजेआई रंजन गोगोई (CJI Ranjan Gogoi) को खत लिखा है. खत में कहा गया है कि वरिष्ठता के क्रम में आगे राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रदीप नंदराजोग पर जस्टिस खन्ना (Justice Sanjiv Khanna) को वरियता देना ठीक नहीं. कॉलेजियम के इस फैसले से गलत संदेश जाएगा. हालांकि, जस्टिस कौल ने जस्टिस खन्ना पर किसी तरह के सवाल नहीं उठाए हैं।
इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट के रिटायर जज जस्टिस कैलाश गंभीर ने भी राष्ट्रपति को खत लिखकर कॉलेजियम के इस फैसले का विरोध जताया था. जस्टिस कैलाश गंभीर ने 32 न्यायाधीशों की वरिष्ठता की कथित अनदेखी करते हुए न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना को सुप्रीम कोर्ट में भेजे जाने की कॉलेजियम की सिफारिश के खिलाफ राष्ट्रपति को एक पत्र लिखा है.
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यह पत्र सोमवार को लिखा गया है, जो दो पन्नों का है. इसमें इस बात का जिक्र किया गया है कि न्यायमूर्ति खन्ना दिवंगत न्यायामूर्ति एचआर खन्ना के भतीजे हैं, जिन्होंने आपातकाल के दौरान असहमति वाला एक फैसला दिया था जिसके बाद उनकी वरिष्ठता को नजरअंदाज करके किसी और को प्रधान न्यायाधीश बनाया गया था.
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बता दें, दस जनवरी को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने कर्नाटक हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस दिनेश माहेश्वरी और दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस संजीव खन्ना को सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने के लिए केंद्र को सिफारिश भेजी है. जबकि, दिसंबर में कॉलेजियम ने दिल्ली के चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन और राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रदीप नंदराजोग को चुना था लेकिन बाद में उनकी सिफारिश केंद्र को नहीं भेजी गई.
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