संविधान अंगीकृत किए जाने के 70 वर्ष पूरे होने के अवसर पर राज्य विधानसभाओं ने मंगलवार को विशेष सत्रों का आयोजन किया और नेताओं ने भीम राव आम्बेडकर की प्रशंसा की. दूसरी ओर, विपक्ष ने संविधान के ‘खतरे' में होने का दावा किया. पूर्ववर्ती जम्मू कश्मीर राज्य का अलग संविधान और विशेष दर्जा समाप्त करते हुए अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर ने संविधान दिवस के अवसर पर पहली बार कार्यक्रम आयोजित किए. उपराज्यपाल गिरीश चंद्र मुर्मू ने संविधान की प्रस्तावना पढ़कर संविधान दिवस मनाया. जम्मू कश्मीर के विधान परिषद् में मुख्य कार्यक्रम आयोजित किया गया. उपराज्यपाल के सलाहकार फारूक खान, मुख्य सचिव बीवीआर सुब्रमण्यम, प्रशासनिक सचिव और सिविल सचिवालय के अधिकारी इस अवसर पर मौजूद रहे.
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बता दें, पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य का अपना अलग संविधान था जो 1957 से लागू था, लेकिन केंद्र के इसका विशेष दर्जा समाप्त करने और इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के पांच अगस्त के फैसले ने इस विशेषाधिकार को समाप्त कर दिया. केंद्र शासित प्रदेश में संविधान दिवस के अवसर पर आयुक्तों, विभाग प्रमुखों, पुलिस विभागों के प्रमुखों और सरकारी कार्यालयों समेत सभी संस्थाओं ने कार्यक्रम आयोजित किए. संविधान दिवस के अवसर पर संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक आयोजित किए जाने की तर्ज पर उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, हरियाणा और पंजाब में विधानसभा के विशेष सत्र आयोजित किए गए. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य के संवैधानिक प्रमुख के पद के साथ गंभीर समझौता हुआ है.
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धनखड़ का राज्य में तृणमूल कांग्रेस सरकार के साथ कई मुद्दों पर टकराव चलता रहता है. उन्होंने कहा कि हालात ‘अप्रत्याशित और चुनौतीपूर्ण' हैं और जनप्रतिनिधियों को अपनी अंतरात्मा की आवाज सुननी चाहिए. दिल्ली की तरह उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में कांग्रेस ने महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम को संविधान के लिए झटका करार दिया. उत्तर प्रदेश में विपक्षी कांग्रेस ने विशेष सत्र का बहिष्कार कर दिया और भाजपा पर महाराष्ट्र में संविधान की ‘हत्या' करने का आरोप लगाया. महाराष्ट्र में भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की थी जिसके बाद विपक्ष ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इस दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम के इतर महाराष्ट्र में शपथ ग्रहण का जिक्र करते हुए इसे अंधेरे में की गई ‘संविधान की हत्या' करार दिया.
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उन्होंने कहा, ‘पूरा देश देख रहा है कि संविधान की दो दिन पहले कैसे धज्जियां उड़ाई गईं.' हालांकि बाद में फडणवीस के महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद गहलोत ने कहा कि इससे ‘लोगों का संवैधानिक सिद्धांतों पर भरोसा निश्चित ही फिर से कायम होगा'. हरियाणा में कांग्रेस विधायक किरण चौधरी ने भी महाराष्ट्र में राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर भाजपा की आलोचना की. बता दें, संविधान को आज ही के दिन 1949 में अंगीकृत किया गया था और इसे 20 जनवरी 1950 को लागू किया गया था. तेलगांना की राज्यपाल तमिलसाई सुंदरराजन ने कहा कि संविधान हर नागरिक को सुरक्षा देता है और उन्होंने ‘उत्कृष्ट' कार्य करने के लिए आम्बेडकर की प्रशंसा की.
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान हटाए जाने को ऐतिहासिक करार देते हुए कहा कि यह कदम संविधान की भावना के अनुरूप है. उन्होंने राज्य विधानसभा के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘अब पूरे देश में समान कानून लागू होंगे. ‘एक देश, एक विधान, एक निशान' का सपना अब पूरा हो गया है.' राज्यपाल के संबोधन के दौरान विपक्षी समाजवादी पार्टी और बसपा के सदस्य भी मौजूद रहे, लेकिन सपा विधायकों ने पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह की प्रतिमा के सामने ‘संविधान बचाओ' धरना दिया. कांग्रेस सदस्यों ने उत्तर प्रदेश में विशेष सत्र शुरू होने से पहले विधानमंडल परिसर में विरोध प्रदर्शन किया और सत्र का बहिष्कार कर दिया.
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कांग्रेस विधायक दल की नेता आराधना शुक्ला मोना ने कहा, ‘भाजपा सदन के भीतर एक ओर संविधान का गुणगान कर रही है और दूसरी ओर महाराष्ट्र में उसी की हत्या कर रही है. हम संविधान के साथ खड़े हैं, लेकिन उसके दुरुपयोग की निंदा करते हैं.' वहीं बसपा सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट किया, ‘संविधान दिवस पर संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ भीमराव आम्बेडकर का केवल नाम जपते रहने से काम नहीं चलेगा, क्योंकि यही छल कांग्रेस भी करती रही है बल्कि केन्द्र एवं राज्य सरकारों को जनकल्याण की सही मंशा से पूरी निष्ठा/ईमानदारी से काम करना होगा. यही मेरी सलाह है.' दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को कहा कि अवरोधकों के बावजूद दिल्ली सरकार संविधान के सिद्धांतों पर चल रही है. केजरीवाल ने अपनी सरकार की विभिन्न स्वास्थ्य एवं शिक्षा पहलों का भी जिक्र किया.
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संविधान दिवस पर हरियाणा और पंजाब में भी विधानसभा के विशेष सत्र बुलाए गए. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बी आर आम्बेडकर को श्रद्धांजलि दी. बनर्जी ने ट्वीट किया, 'संविधान दिवस के अवसर पर, डॉ बी आर आंबेडकर और संविधान सभा को श्रद्धांजलि, जिन्होंने हमारे महान लोकतंत्र को आकार दिया. हमें संविधान के प्रत्येक शब्द को अमल में लाना चाहिए: स्वायत्त, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष एवं लोकतांत्रिक गणराज्य, न्याय, स्वतंत्रता, भाईचारा और समानता.' पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल एवं पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार एम के नारायणन ने कहा कि संविधान में निहित पंथनिरपेक्षता खतरे में है. संविधान दिवस के अवसर पर पश्चिम बंगाल विधानसभा के विशेष सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'हमारे संविधान में निहित कई अन्य सिद्धांतों की भांति आज के हालात में पंथनिरपेक्षता खतरे में है. बहुलतावाद भी खतरे में है.'
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं