खास बातें
- राष्ट्रपति पद के लिए दावेदारी का खेल अब अपने आखिरी दौर में है। लेकिन अब भी इस दौड़ में प्रणब मुखर्जी सबसे आगे दिख रहे हैं और उनके नाम पर दूसरों को भी एतराज नहीं है।
नई दिल्ली: राष्ट्रपति पद के लिए दावेदारी का खेल अब अपने आखिरी दौर में है। लेकिन अब भी इस दौड़ में प्रणब मुखर्जी सबसे आगे दिख रहे हैं और उनके नाम पर दूसरों को भी एतराज नहीं है।
ताजा मामला तृणमूल का है जिसने उनकी उम्मीदवारी को हरी झंडी दिखाई है।
लगता है दीदी ममता और दादा प्रणब मुखर्जी के बीच नाराज़गी और दूरियां कम होने लगी हैं। पश्चिम बंगाल को विशेष पैकेज की मांग के बावज़ूद ममता बनर्जी अब प्रणब मुखर्जी के रायसीना हिल पहुंचने के रास्ते में रुकावट बनते नहीं दिखना चाहतीं।
इससे पहले, ममता ने राष्ट्रपति पद के लिए प्रणब के अलावा तीन नाम सुझाकर अपनी नाराज़गी ज़ाहिर कर दी थी लेकिन अब तृणमूल कांग्रेस की हामी ने प्रणब मुखर्जी को मंज़िल के और करीब पहुंचा दिया है।
बीएसपी को भी उनके नाम पर कोई एतराज़ नहीं लगता है। साथ ही डीएमके और समाजवादी पार्टी भी प्रणब मुखर्जी के साथ दिखाई देती है।
हालांकि प्रणब मुखर्जी के नाम पर खुद कांग्रेस ने अभी मुहर नहीं लगाई है। प्रधानमंत्री 16 जून को विदेश यात्रा पर जा रहे हैं और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी भी इलाज के लिए जाने वाली हैं। जब तक कि कोई और नाम पर फैसला ना हो, कम से कम तब तक प्रणब मुखर्जी को यूपीए का सबसे मज़बूत उम्मीदवार माना जा सकता है।