नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर मचे बवाल के बीच सत्ताधारी बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस के बीच तीखी बहस का सिलसिला जारी है. इसी क्रम में कांग्रेस ने बीजेपी अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह पर एक बार फिर हमला बोला है. दरअसल, अमित शाह ने एक न्य़ूज चैनल से बातचीत में CAA और एनआरसी समेत तमाम मुद्दों पर सरकार के स्टैंड को साफ किया था. कांग्रेस ने इन तमाम मुद्दों पर पूछे गए सवालों पर अमित शाह के जवाब पर पलटवार किया. कांग्रेस ने कहा, 'हमें मालूम है गृहमंत्री जी, आप भावनाओं के स्तर पर लाश बन चुके हैं...जिसमें न लोगों की पीड़ा के प्रति दर्द और न ही देश में लगी आग की परवाह. क्योंकि ये आग आपको सुकून दे रही है. मगर, ये हिंदुस्तान मचलता हुआ देश है. आपके हर गुनाह का हिसाब लेगा.'
कांग्रेस ने आगे कहा, 'धर्म के आधार पर देश को बांटने वाली "टू नेशन थ्योरी" लेकर आए आपके गुरु सावरकर और जिन्ना. अब आप जिम्मेदार ठहराएंगे गांधी-नेहरू-पटेल की कांग्रेस को. आप पटेल को भी कटघरे में खड़ा कर रहे हैं. इतना दिखावा कैसे कर लेते हैं आप? कांग्रेस की समावेशी सोच के अनुसार काम करने का आपमें साहस नहीं है. असम समझौता सभी अवैध लोगों को देश से बाहर निकालने की बात करता है. अंतर ये है कि हमें देशवासियों की फिक्र होती है और आपको सत्ता की. भूलने की बीमारी अच्छी बात नहीं है, लेकिन, हम याद दिलाएंगे आपको...आप ही ने कहा था- 'NRC पूरे देश में लागू होगी' और इस बात को आप भूल गए कि NRC+CAB नागरिकता छीनती है. आप शंखपुष्पी का सेवन कीजिए.'
क्या कहा था अमित शाह ने?
दरअसल, न्यूज चैनल से बातचीत में गृहमंत्री शाह ने कहा था कि 'नागरिकता संशोधन एक्ट जरा भी वापस नहीं होगा, किंचित मात्रा में संभावना नहीं है. हम मानते हैं कि ये लाखों-करोड़ों लोग जो अपना धर्म बचाने के लिए देश की शरण में आए हैं, नेहरू-लियाकत पैक्ट के अनुसार इस देश का दायित्व है हम उन्हें नागरिकता दें.' उन्होंने आगे कहा, 'ये नौबत ही न आती, अगर कांग्रेस पार्टी के उस समय के नेता धर्म के आधार पर देश का विभाजन न होने देते. NRC का मुद्दा भाजपा नहीं बल्कि कांग्रेस लेकर आयी थी. 1985 में असम समझौते के अंदर असम में NRC लागू किया जाएगा, इसका वादा राजीव गांधी जी ने किया था. नागरिकता संशोधन बिल में कहीं पर भी किसी की नागरिकाता वापस लेने का प्रावधान है ही नहीं, इसमें नागरिकता देने का प्रावधान है.
सावरकर पर भी छिड़ी रार
कांग्रेस ने सावरकर के बहाने भी अमित शाह को घेरा और कहा, 'सच निकल ही जाता है गृहमंत्री जी. आपने सच कहा- 'राहुल गांधी कभी सावरकर नहीं बन सकते, उसके लिए अंग्रेजों से माफीनामा लिखना पड़ेगा, देश की आजादी के आंदोलन से गद्दारी करनी पड़ेगी, अंग्रेजों की वफादारी करनी पड़ेगी...हमें गर्व है कि राहुल गांधी सावरकर बन भी नहीं सकते. दरअसल, अमित शाह ने राहुल गांधी के सावरकर वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा था कि, 'राहुल गांधी सावरकार बन भी नहीं सकते, सावरकर बनने के लिए बहुत बड़ी तपस्या, बहुत बड़ा त्याग और बहुत तीव्र देशभक्ति चाहिए. इन तीनों में से कुछ भी राहुल गांधी के व्यक्तित्व में नहीं झलकता है.'