2019 के लिए कांग्रेस ने बनाई रणनीति, पहले बीजेपी को हराओ, फिर सीटें तय कर देंगी कौन होगा पीएम : सूत्र

सूत्रों के अनुसार कांग्रेस का मानना है कि अगर पार्टी RSS की तरह का संगठन बनाएगी तो अपना चरित्र खो देगी. आरएसएस की अपराजेय छवि गलत है और उसे भी हराया जा सकता है. 2004 में भी यही हुआ था.

2019 के लिए कांग्रेस ने बनाई रणनीति, पहले बीजेपी को हराओ, फिर सीटें तय कर देंगी कौन होगा पीएम : सूत्र

सोनिया गांधी के साथ कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी (फाइल फोटो)

नई दिल्‍ली:

कांग्रेस ने 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए अपनी रणनीति को अंतिम रूप देना शुरू कर दिया है. कांग्रेस सूत्रों की मानें तो पार्टी दो चरणों में अपनी रणनीति तैयार कर रही है जिसका पहला चरण है बीजेपी को हराना. उसके बाद जब एक बार चुनावी नतीजे आ जाएंगे तो संख्‍याबल के अनुसार प्रधानमंत्री पद का उम्‍मीदवार तय किया जाएगा. सूत्रों के अनुसार कांग्रेस का मानना है कि अगर पार्टी RSS की तरह का संगठन बनाएगी तो अपना चरित्र खो देगी. आरएसएस की अपराजेय छवि गलत है और उसे भी हराया जा सकता है. 2004 में भी यही हुआ था.

शिवसेना और भाजपा के बीच लंबे समय से चली आ रही कड़वाहट की पृष्ठभूमि में कांग्रेस ने शुक्रवार को ऐसी किसी संभावना को खारिज कर दिया कि उद्धव ठाकरे की पार्टी के साथ उसका किसी तरह का तालमेल हो सकता है. कांग्रेस के शीर्ष सूत्रों ने कहा कि हमारा गठबंधन समान विचाराधारा वाले दलों के साथ हो सकता है और शिवसेना एवं कांग्रेस की विचाराधारा अलग है, इसलिए उसके साथ गठबंधन नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में कांग्रेस और राकांपा के बीच पुराना गठबंधन है और वह आगे भी जारी रहेगा.

गौरतलब है कि हाल के दिनों में शिवसेना कई मौकों पर कांग्रेस और राहुल गांधी के विचार का समर्थन करती आई है. ऐसे में मीडिया के एक हिस्से में अटकलें लगाई जा रहीं थी कि आने वाले समय में दोनों पार्टियां साथ आ सकती हैं. पंजाब और दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के सवाल पर कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि कई राज्यों में कुछ पार्टियों के साथ हमारी सीधी लड़ाई है और आमतौर पर गठबंधन को लेकर पार्टी आलाकमान राज्य इकाई की सिफारिशों को अस्वीकार नहीं करता है और ऐसे में इन दोनों राज्यों की कांग्रेस इकाइयों की राय मायने रखेगी. दरअसल, पंजाब और दिल्ली की कांग्रेस इकाइयों ने आप के साथ गठबंधन से इनकार किया है.

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कांग्रेस सूत्रों ने कहा, 'संसद में सबने देखा पप्पू कौन है, राहुल के सवालों का जवाब कौन नहीं दे पाया.' सूत्रों के अनुसार राहुल गांधी अमेठी से ही अगला लोकसभा चुनाव लड़ेंगे. हालांकि रायबरेली से सोनिया गांधी या प्रियंका में से कौन चुनावी मैदान में उतरेगा, इसपर परिवार में अभी चर्चा नहीं हुई है. यूपी में गठबंधन पर रणनीतिक सहमति बन गई है और सीटों की संख्‍या तय होना अभी बाकी है.राम मंदिर के मामले पर पार्टी टिप्‍पणी नहीं कर सकती क्‍योंकि मामला अदालत में है.

मध्‍य प्रदेश, राजस्‍थान और छत्तीसगढ़ में होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों पर कांग्रेस सूत्रों ने कहा, 'तीनों राज्‍यो में पार्टी मुख्‍यमंत्री पद का उम्‍मीदवार घोषित नहीं करेगी और सामूहिक नेतृत्‍व में चुनाव लड़ा जाएगा. पार्टी ने दावा किया कि तीनों राज्‍यों में कांग्रेस सरकार बनाएगी.

कांग्रेस सूत्रों ने कहा, '2019 में मोदी पीएम तभी बनेंगे जब बीजेपी 230 से 240 सीटों पर जीते लेकिन पार्टी को भरोसा है कि अगर गठबंधन सटीक बैठा तो यूपी, बिहार और महाराष्ट्र में हमें ज्यादा सीटें मिलेंगी और मोदी को गठबंधन के सहयोगी पीएम नहीं बनने देंगे.  यूपी में गठबंधन हुआ तो बीजेपी 5 सीट भी नहीं जीत सकती.

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ईवीएम पर एक बार फिर सवाल उठाते हुए पार्टी ने कहा कि EVM में जब भी गड़बड़ी होती है तो वोट कमल को ही क्यों जाता है, BSP या किसी और पार्टी को क्यों नहीं. EVM पर सभी विरोधी दल मिलकर चर्चा कर रहे हैं और मिलकर ही फैसला लेंगे. पार्टी ने कहा, हम दो स्टेज में लोकसभा की रणनीति बना रहे हैं. पहले चरण में बीजेपी हराओ. फिर सीटें तय कर देंगीं कि पीएम कौन होगा.


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