वरिष्ठ कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने एनआरसी (NRC) के मुद्दे पर विवादित बयान दिया है. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की. इसे लेकर BJP ने हमला बोला. बीजेपी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव (GVL Narasimha Rao) ने कहा कि अधीर रंजन जी का दिमाग सड़ गया है. बीजेपी (BJP) प्रवक्ता ने ट्वीट किया, 'इस बेतुके बयान से पता चलता है की अधीर रंजन जी के दिमाग सड़ गया है. उसे इलाज के लिए भेजा जाना चाहिए ताकि वह अच्छे मानसिक स्वास्थ्य में अगले संसद सत्र में वापस आ सके. और, सोनिया गांधी और कांग्रेस को आपत्तिजनक बयान के लिए आदरणीय प्रधानमंत्री, गृहमंत्री जी से माफ़ी मांगनी चाहिए!
बता दें कि न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि 'हिंदुस्तान सबके लिए है, ये हिंदुस्तान किसी की जागीर है क्या? सबका समान अधिकार है. अमित शाह जी और नरेंद्र मोदी जी का घर गुजरात में है और आप दिल्ली आ गए, आप खुद प्रवासी हैं. NRC को लेकर एक ऐसा माहौल पैदा हो जा रहा है कि हमारे हिन्दुस्ता के जो असली नागरिक हैं, वो सोचते हैं कि हमारा क्या होगा?' उन्होंने कहा कि NRC को लेकर देश में ऐसा माहौल पैदा हो जा रहा है कि हमारे हिन्दुस्तान के जो असली नागरिक हैं, वो सोचते हैं कि हमारा क्या होगा?
देखें अधीर रंजन चौधरी का बयान-
#WATCH Congress leader Adhir Ranjan Chowdhury:.. Hindustan sab ke liye hai, ye Hindustan kisi ki jageer hai kya? Sabka samaan adhikaar hai. Amit Shah ji, Narendra Modi ji aap khud ghuspetiye hain. Ghar aapka Gujarat agaye Dilli, aap khud migrant hain. pic.twitter.com/zrCaSfPF7v
— ANI (@ANI) December 1, 2019
बता दें कि केंद्र सरकार पूरे देश में एनआरसी (NRC) लागू करने की बात कह रही है. गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में संसद भवन में असम के बाद पूरे देश में एनआरसी लागू करने का वादा किया था. इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि किसी भी धर्म के लोगों को इससे डरने की जरूरत नहीं है. राज्यसभा में शाह ने कहा था कि NRC में धर्म के आधार पर लोगों को बाहर करने का कोई प्रावधान नहीं है. अगर किसी का नाम एनआरसी से बाहर कर दिया गया तो उन्हें ट्रिब्यूनल में आवेदन करने का अधिकार है. अगर उनके पास इसके लिए पैसा नहीं है तो असम सरकार इसके लिए वकील मुहैया करवाएगी. बता दें, असम में पहली बार एनआरसी लागू की गई है, जिसमें 19 लाख लोगों को बाहर किया गया है.
VIDEO: NRC लागू करने की बात कितनी सियासी?
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