संसद द्वारा पारित कृषि विधेयक (Agriculture Bills 2020) अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कानून बन चुके हैं. लेकिन इन्हें लेकर किसानों और विपक्षी पार्टियों का विरोध प्रदर्शन जारी है. जहां एक तरफ प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस इसे लेकर सड़कों पर हैं वहीं दूसरी तरफ एनडीए के सहयोगी इसके खिलाफ आवाज बुंदल किए हुए है. आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी कांग्रेस शासित राज्यों से कहा है कि केंद्र के कृषि विधेयकों को खारिज करने के लिए कानून पर विचार करें.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट किया,“माननीय कांग्रेस अध्यक्ष ने कांग्रेस शासित राज्यों को संविधान के अनुच्छेद 254 (2) के तहत अपने राज्यों में कानून पारित करने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए कहा है. जो राज्य विधानसभाओं को एक केंद्रीय कानून को ओवरराइड करने के लिए एक कानून पारित करने की अनुमति देता है, फिर जिसे राष्ट्रपति की मंजूरी की जरूरत होती है.'
Hon'ble Congress President has asked the Congress ruled states to explore the possibilities to pass laws in their states under Article 254(2) of the constitution which allows the state legislatures to pass a law to override a Central law which then comes for President Assent.
— K C Venugopal (@kcvenugopalmp) September 28, 2020
सोनिया गांधी ने जिस राज्य के कानून का हवाला दिया है उसके मुताबिक समवर्ती विषय से संबंधित मामले में यदि कोई राज्य विधायिका एक कानून पारित करती है जो "संसदीय कानून के प्रति निंदनीय" है और अगर राज्य कानून राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त करता है तो यह राज्य में लागू होगा.
बता दें कि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार (27 सितंबर) को तीनों कृषि विधेयकों को मंजूरी दी, जिनके चलते इस समय एक राजनीतिक विवाद खड़ा हुआ है और खासतौर से पंजाब और हरियाणा के किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं गजट अधिसूचना के अनुसार राष्ट्रपति ने तीन विधेयकों को मंजूरी दी. ये विधेयक हैं- 1) किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020, 2) किसान (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 और 3) आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020.
इंडिया गेट पर जलाया ट्रैक्टर
सोमवार सुबह 7.15 से 7.30 के बीच करीब 15 से 20 संख्या में कुछ लोग किसान बिल के विरोध में इंडिया गेट के पास एकत्रित हुए. वो अपने साथ एक पुराना ट्रैक्टर लेकर आए थे. टाटा 407 से उन्होंने ट्रैक्टर को नीचे उतारा और उसे आग के हवाले कर दिया. किसान कानून के विरोध में इन लोगों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. युवक अपने साथ भगत सिंह की तस्वीर लेकर आए थे.
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इस वीडियो को पंजाब कांग्रेस यूथ के पेज पर भी लाइव दिखाया गया था. जिसके बाद से आशंका जताई जा रही है कि सभी आरोपी कांग्रेस के कार्यकर्ता है. पुलिस के अनुसार पकड़े गए सभी य़ुवक भी खुद को पंजाब यूथ कांग्रेस के नेता बता रहे थे.
'लोगों को गुस्सा दिखाता है...'
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Punjab CM Capt. Amarinder Singh) ने तीन नए किसान कानूनों के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन के तहत सोमवार को धरना दिया. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला करते हुए पूछा कि 'MSP को विधेयकों में शामिल क्यों नहीं किया गया है?' NDTV से बातचीत के दौरान कैप्टन ने कहा कि 'दिल्ली में आज सुबह ट्रैक्टर जलाया जाना लोगों को गुस्सा दिखाता है. यह दिखा रहा है कि लोग कैसा महसूस कर रहे हैं...उनका गुस्सा दिख रहा है. किसानों को नहीं पता है कि अब उनकी उपज कौन खरीदने जा रहा है.'
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अमरिंदर सिंह ने सोमवार को शहीद भगत सिंह के पैतृक गांव में अपने धरना-प्रदर्शन के दौरान इस घटना पर प्रदर्शनकारियों का बचाव करते हुए कहा कि 'अगर मेरा ट्रैक्टर है और मैं इसे जलाना चाहता दूं....तो दूसरों को क्या दिक्कत हो रही है?'
अकाली दल ने छोड़ा एनडीए
एनडीए के सबसे पुराने सहयोगी अकाली दल ने इस मुद्दे को लेकर पहले कैबिनेट से इस्तीफा दिया और फिर एनडीए से अलग होकर अपना विरोध जताया है. अकाली दल ने कृषि विधेयकों को किसानों, खेत मजदूरों और आढ़तियों के खिलाफ बताया और सभी राजनीतिक दलों से इसके खिलाफ एकजुट होने की अपील की. उन्होंने कहा, ‘‘किसानों के संपूर्ण हित में हम हर संघर्ष के लिए तैयार हैं.''
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