विज्ञापन
This Article is From Nov 09, 2019

अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, अमन-चैन का वातावरण बनाए रखें : कांग्रेस

अयोध्या मुद्दे पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का सम्मान करती है.  हम सभी संबंधित पक्षों व सभी समुदायों से निवेदन करते हैं कि भारत के संविधान में स्थापित 'सर्वधर्म सम्भाव' और भाईचारे के उच्च मूल्यों को निभाते हुए अमन-चैन का वातावरण बनाए रखें.

अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, अमन-चैन का वातावरण बनाए रखें : कांग्रेस
अयोध्या पर फैसले को देखते हुए कांग्रेस की बैठक बुलाई गई थी
नई दिल्ली:

अयोध्या मुद्दे पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कांग्रेस की ओर से कहा गया है कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का सम्मान करती है.  हम सभी संबंधित पक्षों व सभी समुदायों से निवेदन करते हैं कि भारत के संविधान में स्थापित 'सर्वधर्म सम्भाव' और भाईचारे के उच्च मूल्यों को निभाते हुए अमन-चैन का वातावरण बनाए रखें. हर भारतीय की जिम्मेदारी है कि हम सब देश की सदियों पुरानी परस्पर सम्मान और एकता की संस्कृति व परंपरा को जीवंत रखें. सूत्रों के मुताबिक पार्टी के नेताओं को पहले ही हिदायद दे दी गई थी कि अनुच्छेद 370 की तरह सभी अलग-अलग बयान न दें.  अयोध्या के फैसले को देखते हुए कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक भी बुलाई गई थी.  

क्या है अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला
आपको बता दें कि अयोध्या भूमि विवाद को लेकर पांच जजों की पीठ ने शनिवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड विवादित ढांचे पर अपना एक्सक्लूसिव राइट साबित नहीं कर पाया. कोर्ट ने विवादित ढांचे की जमीन हिंदुओं को देने का फैसला सुनाया, तो मुसलमानों को दूसरी जगह जमीन देने के लिए कहा है. कोर्ट ने साथ ही कहा कि इसके लिए केंद्र सरकार तीन महीने में योजना बनाए. कोर्ट ने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन मिलेगी. फिलहाल अधिकृत जगह का कब्जा रिसीवर के पास रहेगा. पांचों जजों की सहमति से फैसला सुनाया गया है. फैसला पढ़ने के दौरान पीठ ने कहा कि ASI रिपोर्ट के मुताबिक नीचे मंदिर था. CJI ने कहा कि ASI ने भी पीठ के सामने विवादित जमीन पर पहले मंदिर होने के सबूत पेश किए हैं. CJI ने कहा कि हिंदू अयोध्या को राम जन्म स्थल मानते हैं. हालांकि, ASI यह नहीं बता पाया कि मंदिर गिराकर मस्जिद बनाई गई थी. मुस्लिम गवाहों ने भी माना कि वहां दोनों ही पक्ष पूजा करते थे. रंजन गोगोई ने कहा कि ASI की रिपोर्ट के मुताबिक खाली जमीन पर मस्जिद नहीं बनी थी. साथ ही सबूत पेश किए हैं कि हिंदू बाहरी आहते में पूजा करते थे. साथ ही CJI ने कहा कि सूट -5 इतिहास के आधार पर है जिसमें यात्रा का विवरण है. सूट 5 में सीतार रसोई और सिंह द्वार का जिक्र है. सुन्नी वक्फ बोर्ड के लिए शांतिपूर्ण कब्जा दिखाना असंभव है. CJI ने कहा कि 1856-57 से पहले आंतरिक अहाते में हिंदुओ पर कोई रोक नहीं थी. मुसलमानों का बाहरी आहते पर अधिकार नहीं रहा.

'कोर्ट ने सरकार को ट्रस्ट बनाने को कहा'​

अन्य बड़ी खबरें :

Ayodhya Case Verdict: सुप्रीम कोर्ट ने कहा - स्थल के नीचे का ढांचा इस्लामिक संरचना नहीं

Ayodhya Verdict: सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या केस में क्यों खारिज कर दी निर्मोही अखाड़ा दलील

Ayodhya Case Verdict: सुप्रीम कोर्ट ने सर्वसम्मति से सुनाया फैसला, ट्रस्ट करेगा मंदिर का निर्माण

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
जम्‍मू-कश्‍मीर चुनाव : पहले चरण में किस पार्टी के कितने करोड़पति उम्‍मीदवार? जानिए कितनी है औसत संपत्ति
अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं, अमन-चैन का वातावरण बनाए रखें : कांग्रेस
कंगना रनौत को 'इमरजेंसी' पर राहत नहीं, 6 सितंबर को फिल्म नहीं होगी रिलीज
Next Article
कंगना रनौत को 'इमरजेंसी' पर राहत नहीं, 6 सितंबर को फिल्म नहीं होगी रिलीज
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com