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This Article is From Aug 23, 2018

जर्मनी में बोले राहुल गांधी: मेरे पिता के हत्यारे लिट्टे प्रमुख प्रभाकरण की मौत से मुझे और प्रियंका को खुशी नहीं हुई

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को जर्मनी में अपने संबोधन में कहा कि वह और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा आतंकवादी समूह एलटीटीई के प्रमुख प्रभाकरण की मौत के बाद खुश नहीं थे.

जर्मनी में बोले राहुल गांधी: मेरे पिता के हत्यारे लिट्टे प्रमुख प्रभाकरण की मौत से मुझे और प्रियंका को खुशी नहीं हुई
जर्मनी में बोले राहुल गांधी
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को जर्मनी में अपने संबोधन में कहा कि वह और उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा आतंकवादी समूह एलटीटीई के प्रमुख प्रभाकरण की मौत के बाद खुश नहीं थे, जिसने उनके पिता राजीव गांधी की हत्या की थी. राहुल गांधी ने अपने दिवंगत पिता पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों के बारे में बोलते हुए कहा कि ‘जब मैंने श्रीलंका में अपने पिता के हत्यारे को मृत पड़ा देखा तो मुझे अच्छा नहीं लगा. मैंने उसके रोते हुए बच्चों में खुद को देखा.’ 

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जर्मनी के हैम्बर्ग में राहुल गांधी ने कहा कि उन्होंने अपने परिवार के दो सदस्यों को हिंसा में खो दिया है. राहुल गांधी ने आगे कहा कि मेरी दादी (इंदिरा गांधी) और मेरे पिता (राजीव गांधी) दोनों मारे गए थे. इसलिए, मुझे हिंसा का सामना करना पड़ा. बता दें कि लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) प्रमुख वी प्रभाकरण राजीव गांधी की हत्या के लिये जिम्मेदार था. उसे श्रीलंकाई सैनिकों ने 2009 में मार गिराया था.

आगे उन्होंने कहा कि मैं वास्तव में अपने अनुभव से बोल रहा हूं. हिंसा के बाद आपके आगे बढ़ने का एकमात्र तरीका है कि आप उसे क्षमा करके आगे बढ़ जाएं. इसके अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है और क्षमा करने के लिए आपको समझना होगा कि वास्तव में क्या हुआ और यह क्यों हुआ?

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पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या उनके ही दो अंगरक्षकों द्वारा 1984 में कर दी गई थी. वहीं उनके बेटे और पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या लिट्टे द्वारा 1991 में कर दी गई थी. 2009 में श्रीलंकन सुरक्षा बलों ने लिट्टे प्रमुख प्रभाकरण को मार गिराया था. 

राहुल गांधी ने कहा कि इससे निपटने के लिए वास्तव में एक ही तरीका है कि सबकी सुनो और अहिंसापूर्वक कार्य करो . लोग सोचते हैं कि यह कमजोरी है. लेकिन वास्तव में यह ताकत है. 1991 में मेरे पिता को आतंकवादी ने मारा था. 2009 में, मैंने उस व्यक्ति को देखा जिसने मेरे पिता को मार डाला था. 

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राहुल गांधी ने कहा कि उसको देखने के बाद मैंने अपनी बहन प्रियंका को फोन किया और कहा कि बड़ी अजीब बात है कि मुझे खुशी नहीं हो रही है. मुझे तो इस बात का जश्‍न मनाना चाहिए था कि जो व्‍यक्ति मेरे पिता की हत्‍या का गुनहगार है, उसके इस तरह के हश्र पर मुझे खुशी होनी चाहिए थी. लेकिन पता नहीं क्‍यों मैं खुश नहीं हो सका. प्रियंका ने भी कहा कि आप सही कह रहे हैं, मुझे भी खुशी नहीं हो रही है.'' मुझे इसलिए खुशी नहीं हुई क्‍योंकि उसके बच्‍चों में मैंने खुद को देखा. उसे मृत देखकर मुझे यह अहसास हुआ कि मेरी तरह उसके बच्‍चे भी रो रहे होंगे.

राहुल ने आगे कहा कि  साथ ही उन्‍होंने कहा कि हो सकता है कि वह बुरा व्‍यक्ति हो मगर उसके खिलाफ जो हिंसा हुई, उसका असर दूसरों पर हुआ, ठीक उसी तरह जिस तरह हम पर प्रभाव पड़ा. उन्होंने यह भी कहा कि हिंसा से लड़ने का एक ही तरीका है अहिंसा. इसके अलावा कोई रास्ता नहीं. 

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