पी. चिदंबरम ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया के दौरान भारत अभी भी परिपक्व नहीं है....
कोलकाता:
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने रविवार को कहा कि संगठनात्मक ढांचे के मामले में उनकी पार्टी का भाजपा-आरएसएस से कोई मेल नहीं है. उन्होंने यहां अपनी पुस्तक 'फियरलेस इन ऑपोजिशन' के विमोचन के मौके पर कहा, "स्पष्ट रूप से, कांग्रेस पार्टी के संगठनात्मक ढांचे का भाजपा-आरएसएस से कोई मेल नहीं है." उन्होंने कहा, "वे (बीजेपी) वोट बटोरने में सक्षम हैं और हमसे ज्यादा मजबूत हुए हैं. लेकिन यदि बीजेपी-आरएसएस का संगठनात्मक ढांचा यदि बंगाल में टीएमसी या तमिलनाडु में एआईडीएमके से मेल करने की कोशिश करे तो उन्हें हार मिलेगी."
चिदंबरम ने कहा कि संगठनात्मक ढांचा चुनाव के दिन वोट हासिल करने की क्षमता है. संप्रग शासन में गृह और वित्त मंत्री रह चुके चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी के लिए एक राष्ट्रीय चुनाव लड़ने में 29 राज्यों के लिए 29 अलग-अलग रणनीतियों की जरूरत है.
उन्होंने कहा, "गुजरात के लिए जो रणनीति सही होगी वह असम के लिए सही नहीं हो सकती." उन्होंने बताया, "मैंने अपने नेतृत्व से 2019 के चुनाव के लिए 29 रणनीतियों का खाका बनाने की जरूरत के बारे में कहा है." नोटबंदी के बारे में उन्होंने कहा कि कांग्रेस राजनीतिक बहस हार गई लेकिन पार्टी ने आर्थिक बहस में जीत हासिल की. उन्होंने कश्मीर के बारे में कहा कि राज्य में अनुच्छेद 370 का सम्मान किया जाना चाहिए.
वरिष्ठ नेता ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया के दौरान भारत अभी भी परिपक्व नहीं है. "यदि विपक्ष को अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए भूख हड़ताल करना पड़े तो यह बताता है कि लोकतंत्र अभी भी परिपक्व नहीं हुआ है. ऐसा इसलिए है क्योंकि लोग को डर लगता है कि यदि वे सरकार के खिलाफ कुछ कहेंगे तो वे मुश्किल में पड़ जाएंगे." उन्होंने कहा, "आज विपक्ष के लिए स्थान तेजी से सिकुड़ रहा है...दलित...अल्पसंख्यक...एनजीओ....सभी भयभीत हैं."
चिदंबरम ने कहा कि संगठनात्मक ढांचा चुनाव के दिन वोट हासिल करने की क्षमता है. संप्रग शासन में गृह और वित्त मंत्री रह चुके चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस जैसी राष्ट्रीय पार्टी के लिए एक राष्ट्रीय चुनाव लड़ने में 29 राज्यों के लिए 29 अलग-अलग रणनीतियों की जरूरत है.
उन्होंने कहा, "गुजरात के लिए जो रणनीति सही होगी वह असम के लिए सही नहीं हो सकती." उन्होंने बताया, "मैंने अपने नेतृत्व से 2019 के चुनाव के लिए 29 रणनीतियों का खाका बनाने की जरूरत के बारे में कहा है." नोटबंदी के बारे में उन्होंने कहा कि कांग्रेस राजनीतिक बहस हार गई लेकिन पार्टी ने आर्थिक बहस में जीत हासिल की. उन्होंने कश्मीर के बारे में कहा कि राज्य में अनुच्छेद 370 का सम्मान किया जाना चाहिए.
वरिष्ठ नेता ने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया के दौरान भारत अभी भी परिपक्व नहीं है. "यदि विपक्ष को अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए भूख हड़ताल करना पड़े तो यह बताता है कि लोकतंत्र अभी भी परिपक्व नहीं हुआ है. ऐसा इसलिए है क्योंकि लोग को डर लगता है कि यदि वे सरकार के खिलाफ कुछ कहेंगे तो वे मुश्किल में पड़ जाएंगे." उन्होंने कहा, "आज विपक्ष के लिए स्थान तेजी से सिकुड़ रहा है...दलित...अल्पसंख्यक...एनजीओ....सभी भयभीत हैं."
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं