नई दिल्ली:
जंतर-मंतर पर अन्ना हजारे के एक दिवसीय भूख हड़ताल के मद्देनजर कांग्रेस ने रविवार को कहा कि अन्ना को अनशन पर बैठने का अधिकार है लेकिन कानून बनाने का अधिकार संसद के पास है। भंडाफोड़ करने वालों के लिए न्याय की मांग को लेकर आज वह अनशन कर रहे हैं।
कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा, ‘‘अन्ना जी को अनशन करने का अधिकार है। बहरहाल किस तरह का कानून बनेगा, इसे कैसे बनाया जाएगा, इन मुद्दों पर निर्णय संसद करेगी न कि कोई व्यक्ति। संसद वही कानून बनाती है जो यह उपयुक्त समझती है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार लोकपाल लाने के लिए प्रतिबद्ध है जिसके लिए वह सर्वसम्मति बनाने का प्रयास कर रही है।
अल्वी ने कहा, ‘‘जहां तक लोकपाल का सवाल है, सरकार प्रतिबद्ध है। हर कोई जानता है कि राज्यसभा में हमारा बहुमत नहीं है। इसलिए संसद में कानून पारित कराने के लिए हम सभी दलों को कांग्रेस के साथ लाने का प्रयास कर रहे हैं।’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि हजारे के अनशन से ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि संसद लोगों की इच्छा का प्रतिनिधित्व करती है।
उन्होंने कहा, ‘‘अन्ना हजारे के अनशन का कोई फर्क नहीं पड़ेगा। संसद सर्वोच्च है और लोग अपने प्रतिनिधियों को संसद में भेजते हैं। और ये प्रतिनिधि ऐसा कानून बनाते हैं जिसे वे सर्वाधिक उपयुक्त समझते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई सोचता है कि उस कानून में कोई खामी है तो वह उसका व्यक्तिगत विचार है।’’
कांग्रेस प्रवक्ता राशिद अल्वी ने कहा, ‘‘अन्ना जी को अनशन करने का अधिकार है। बहरहाल किस तरह का कानून बनेगा, इसे कैसे बनाया जाएगा, इन मुद्दों पर निर्णय संसद करेगी न कि कोई व्यक्ति। संसद वही कानून बनाती है जो यह उपयुक्त समझती है।’’ उन्होंने कहा कि सरकार लोकपाल लाने के लिए प्रतिबद्ध है जिसके लिए वह सर्वसम्मति बनाने का प्रयास कर रही है।
अल्वी ने कहा, ‘‘जहां तक लोकपाल का सवाल है, सरकार प्रतिबद्ध है। हर कोई जानता है कि राज्यसभा में हमारा बहुमत नहीं है। इसलिए संसद में कानून पारित कराने के लिए हम सभी दलों को कांग्रेस के साथ लाने का प्रयास कर रहे हैं।’’ कांग्रेस नेता ने कहा कि हजारे के अनशन से ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि संसद लोगों की इच्छा का प्रतिनिधित्व करती है।
उन्होंने कहा, ‘‘अन्ना हजारे के अनशन का कोई फर्क नहीं पड़ेगा। संसद सर्वोच्च है और लोग अपने प्रतिनिधियों को संसद में भेजते हैं। और ये प्रतिनिधि ऐसा कानून बनाते हैं जिसे वे सर्वाधिक उपयुक्त समझते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अगर कोई सोचता है कि उस कानून में कोई खामी है तो वह उसका व्यक्तिगत विचार है।’’
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