'...अब ज्यादा हो रहा है', संबोधन के दौरान बाधा डालने पर अधीर रंजन चौधरी से बोले पीएम मोदी

प्रधानमंत्री ने कभी 'दादा' कहकर प्‍यार के साथ तो कभी तंज कसते हुए अपने संबोधन को जारी रखा. इस दौरान सभापति भी प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान व्‍यवधान पैदा नहीं करने की अपील की.

'...अब ज्यादा हो रहा है', संबोधन के दौरान बाधा डालने पर अधीर रंजन चौधरी से बोले पीएम मोदी

पीएम के भाषण के दौरान अधीर रंजन चौधरी ने बार बार बोलने की कोशिश की

नई दिल्ली:

लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर पीएम नरेंद्र मोदी जब चर्चा का जवाब दे रहे तो विपक्ष ने बार-बार व्‍यवधान पैदा करते हुए नारेबाजी की. ये सदस्‍य 'कृषि कानून वापस ले' के नारे लगा रहे हैं. पीएम इस व्‍यवधान को लेकर परेशान नजर आए. उनके भाषण के दौरान कांग्रेस के सांसदों खासकर कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बार-बार दखल देने की कोशिश की. प्रधानमंत्री ने कभी 'दादा' कहकर प्‍यार के साथ तो कभी तंज कसते हुए अपने संबोधन को जारी रखा. इस दौरान सभापति भी प्रधानमंत्री के संबोधन के दौरान व्‍यवधान पैदा नहीं करने की अपील की. विपक्षी सदस्‍यों से करते नजर नहीं आए. पीएम जब कृषि कानून पर बोल रहे थे विपक्षी सदस्‍यों ने होहल्‍ला मचाया, इस पर पीएम ने कहा कि जो झूठ फैलाया जा रहा है उसका पर्दाफाश न हो जाए, इसके लिए शोर किया जा रहा है. उन्‍होंने कहा कि अगर हो हल्ला न हुआ तो बात सही उन तक पहुंच जाएगी. पीएम ने इस दौरान कहा कि देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस आज इस हालत में पहुंच गई है यह कांग्रेस पार्टी से 'कनफ्यूज पार्टी' बनकर रह गई है. उन्‍होंने अधीर रंजन चौधरी को पीएम मोदी ने कहा- अब ज्यादा हो रहा है, हद पार क्यों ?

अपने संबोधन के दौरान कोरोना महामारी का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा, 'कोरोना (Corona Pandemic) के कारण कितनी बड़ी मुसीबत आएगी इसके जो अनुमान लगाए गए थे तो दुनिया में हर कोई यही सोच रहा था कि भारत इस स्थिति से कैसे निपटेगा? ऐसे में 130 करोड़ देशवासियों के अनुशासन और समर्पण ने हमें आज बचाकर रखा है.कोरोना के बाद भारत के लिए भय का वातावरण बनाया गया था. भारत कैसे टिक पाएगा, अगर भारत में एक बार हालत खराब हो गई तो विश्व को कोई नहीं बचा पाएगा, ऐसे भी कयास लगाए जा रहे थे. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.' उन्‍होंने कहा कि ये 130 करोड़ देशवासियों के समर्पण से ही हुआ है.हम कोरोना से जीत पाए, क्योंकि डॉक्टर्स, सफाई कर्मचारी, एम्बुलेंस का ड्राइवर ये सब भगवान के रूप में आए. हम उनकी जितनी प्रशंसा करें, जितना गौरवगान करेंगे, उससे हमारे भीतर भी नई आशा पैदा होगी.'पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना कालखंड में जनधन खाते, आधार, ये सभी गरीब के काम आए. लेकिन कभी-कभी सोचते हैं कि आधार को रोकने के लिए कौन लोग सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे में गए थे? इस कालखंड (कोरोना के काल के दौरान) में भी हमने रिफॉर्म का सिलसिला जारी रखा है. हम इस इरादे से चले है कि भारत की अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए हमें नए कदम उठाने होंगे हमने पहले दिन से ही कई कदम उठाए हैं.

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