फाइल फोटो
नई दिल्ली:
मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक राम निवास रावत ने विधानसभा में किसान समस्या, आंदोलन और घोषणाओं को लेकर पूछे गए अपने सवाल को बदलने का आरोप लगाया है. उन्होंने इसकी शिकायत के लिए सचिवालय को पत्र लिखा है.उनका आरोप है कि प्रश्न में बदलाव सरकार को बचाने और वास्तविकता छिपाने के लिए किया गया है. कांग्रेस विधायक ने मध्य प्रदेश में जारी मानसून सत्र के लिए अपना सवाल भेजा था.
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विधानसभा परिसर में बुधवार को संवाददाताओं से रावत ने बताया कि उन्होंने एक जून के बाद किसानों द्वारा उनकी मांगों को लेकर हुए आंदोलनों का ब्यौरा मांगा था, जिसके तहत उन्होंने पूछा था कि मंदसौर गोली कांड में किन किसानों की मौत हुई और कितने घायल हुए, गोली चलाने का आदेश किसने दिया था और आंदोलन के दौरान गिरफ्तार हुए किसान किस-किस जेल में हैं?
उन्होंने आरोप लगाया कि उनके प्रश्न को अन्य मुआवजा संबंधी प्रश्न में समाहित कर दिया गया. इसको लेकर उन्होंने विधानसभा सचिवालय को पत्र लिखकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है. उनका कहना है कि उनके विशेषाधिकार का हनन किया गया है. उन्होंने विधानसभाध्यक्ष से संविधान की मर्यादा बनाए रखने के लिए प्रयास किए जाने का अनुरोध किया है.
रावत का आरोप है कि प्रश्न में बदलाव जानकारी छिपाने और सरकार को बचाने के मकसद से किया गया है. पूछे गए प्रश्नों का जवाब आ जाता तो यह तस्वीर साफ हो जाती कि मुख्यमंत्री ने एक जून के बाद क्या घोषणाएं की और किसानों का किस तरह से दमन हुआ?
( इनपुट आईएनएस से )
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विधानसभा परिसर में बुधवार को संवाददाताओं से रावत ने बताया कि उन्होंने एक जून के बाद किसानों द्वारा उनकी मांगों को लेकर हुए आंदोलनों का ब्यौरा मांगा था, जिसके तहत उन्होंने पूछा था कि मंदसौर गोली कांड में किन किसानों की मौत हुई और कितने घायल हुए, गोली चलाने का आदेश किसने दिया था और आंदोलन के दौरान गिरफ्तार हुए किसान किस-किस जेल में हैं?
उन्होंने आरोप लगाया कि उनके प्रश्न को अन्य मुआवजा संबंधी प्रश्न में समाहित कर दिया गया. इसको लेकर उन्होंने विधानसभा सचिवालय को पत्र लिखकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है. उनका कहना है कि उनके विशेषाधिकार का हनन किया गया है. उन्होंने विधानसभाध्यक्ष से संविधान की मर्यादा बनाए रखने के लिए प्रयास किए जाने का अनुरोध किया है.
रावत का आरोप है कि प्रश्न में बदलाव जानकारी छिपाने और सरकार को बचाने के मकसद से किया गया है. पूछे गए प्रश्नों का जवाब आ जाता तो यह तस्वीर साफ हो जाती कि मुख्यमंत्री ने एक जून के बाद क्या घोषणाएं की और किसानों का किस तरह से दमन हुआ?
( इनपुट आईएनएस से )
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