कोलकाता:
पश्चिम बंगाल सरकार में नाराज चल रहे कांग्रेस के मंत्री मनोज चक्रवर्ती ने मंगलवार को औपचारिक रूप से इस्तीफा दे दिया। ममता की ओर से उनसे दो विभाग छीने जाने के बाद चक्रवर्ती ने ममता बनर्जी सरकार को तानाशाही स्वरूप वाला करार दिया था।
मुर्शिदाबाद जिले के बरहमपुर से विधायक चक्रवर्ती को कांग्रेस हाईकमान ने पिछले सप्ताह मंत्रालय से इस्तीफा देने की अनुमति दे दी थी। चक्रवर्ती ने कहा कि इस्तीफे का पत्र मुख्यमंत्री को भेज दिया गया है।
उन्होंने कहा, ‘दो पंक्तियों के पत्र में मैंने मंत्रालय से इस्तीफा देने और इसे स्वीकार किये जाने की बात कही है।’ ममता बनर्जी के संसदीय मामलों और कुटीर एवं लघु उद्योग मंत्रालय का प्रभार छीन लिये जाने के बाद चक्रवर्ती ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया था।
खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री बनाए जाने के बाद चक्रवर्ती ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए इसे तानाशाही करार दिया था। उन्होंने मुख्यमंत्री के कामकाज पर भी सवाल उठाया था। सांसद अधीर रंजन चौधरी के करीबी बताये जाने वाले चक्रवर्ती ने कहा कि उन्हें मंत्रालय में बदलाव के बारे में सूचित नहीं किया गया।
मुर्शिदाबाद जिले के बरहमपुर से विधायक चक्रवर्ती को कांग्रेस हाईकमान ने पिछले सप्ताह मंत्रालय से इस्तीफा देने की अनुमति दे दी थी। चक्रवर्ती ने कहा कि इस्तीफे का पत्र मुख्यमंत्री को भेज दिया गया है।
उन्होंने कहा, ‘दो पंक्तियों के पत्र में मैंने मंत्रालय से इस्तीफा देने और इसे स्वीकार किये जाने की बात कही है।’ ममता बनर्जी के संसदीय मामलों और कुटीर एवं लघु उद्योग मंत्रालय का प्रभार छीन लिये जाने के बाद चक्रवर्ती ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेज दिया था।
खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री बनाए जाने के बाद चक्रवर्ती ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए इसे तानाशाही करार दिया था। उन्होंने मुख्यमंत्री के कामकाज पर भी सवाल उठाया था। सांसद अधीर रंजन चौधरी के करीबी बताये जाने वाले चक्रवर्ती ने कहा कि उन्हें मंत्रालय में बदलाव के बारे में सूचित नहीं किया गया।
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