लखनऊ:
केन्द्रीय इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा ने मंगलवार को कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले बीस साल में कांग्रेस को हराने के लिए विपक्षी दल कम कांग्रेस के लोग ज्यादा जिम्मेदार है और कांग्रेस ही स्वयं को हराती रही हैं।
इस्पात मंत्री वर्मा ने अपने आवास पर आयोजित संवाददाताओं से कहा कि गत वर्ष प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने न केवल जमकर मेहनत की थी बल्कि प्रदेश में कांग्रेस की फिजा भी बना दी थी। मगर कांग्रेस के कुछ लोगों ने ही उनके प्रयासों पर पानी फेर दिया।
उन्होंने कहा कि जिस ढंग से विधानसभा चुनाव में बटाला हाउस कांड और आरक्षण के मुद्दों को उठाया गया उससे कांग्रेस की तो फजीहत हुई और विपक्ष इसका लाभ ले गया।
यह पूछे जाने पर कि आरक्षण और बटाला कांड के मुद्दे उठाना कुछ कांग्रेसी नेताओं की भूल थी, वर्मा ने कहा, ‘‘यह भूल नहीं यह साजिश थी, क्योंकि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण की कोई व्यवस्था ही नहीं है।’’ कांग्रेस को कमजोर करने वाले ‘कुछ कांग्रेसी नेताओं’ के नाम पूछने पर, उन्होंने कहा, ‘‘इस बाबत मुझसे नाम मत पूछिये आप लोग अच्छी तरह जानते है।’’
वर्मा ने दावा किया कि गोंडा, बाराबंकी और रायबरेली तीन जनपदों को विधानसभा चुनाव में लक्ष्य साधकर कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया गया। इतना ही नहीं बाराबंकी में उनके बेटे राकेश को हराने के लिए पांच करोड़ रुपये खर्च किए गए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पार्टी होने के बावजूद कांग्रेस के प्रत्याशी कम जीतते हैं और निर्दलीय प्रत्याशी ज्यादा जीत जाते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे लोगों के बारे में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पूरी जानकारी है और वह सारी वस्तुस्थिति को समझते भी हैं।
बेनी प्रसाद वर्मा समाजवादी पार्टी के न केवल कद्दावर नेता रहे हैं, बल्कि संस्थापको में भी शामिल हैं। उन्होंने कांग्रेस को कमजोर करने वालों का नाम लिए बगैर दावा किया, ‘‘कांग्रेस के कुछ नेताओं की हैसियत तो देखिए कि वे लोग करोड़ों रुपये में खेल रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को एक बार फिर न केवल मजबूत करने का है बल्कि राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद पर भी देखने चाहते हैं।
इस्पात मंत्री वर्मा ने अपने आवास पर आयोजित संवाददाताओं से कहा कि गत वर्ष प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने न केवल जमकर मेहनत की थी बल्कि प्रदेश में कांग्रेस की फिजा भी बना दी थी। मगर कांग्रेस के कुछ लोगों ने ही उनके प्रयासों पर पानी फेर दिया।
उन्होंने कहा कि जिस ढंग से विधानसभा चुनाव में बटाला हाउस कांड और आरक्षण के मुद्दों को उठाया गया उससे कांग्रेस की तो फजीहत हुई और विपक्ष इसका लाभ ले गया।
यह पूछे जाने पर कि आरक्षण और बटाला कांड के मुद्दे उठाना कुछ कांग्रेसी नेताओं की भूल थी, वर्मा ने कहा, ‘‘यह भूल नहीं यह साजिश थी, क्योंकि संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण की कोई व्यवस्था ही नहीं है।’’ कांग्रेस को कमजोर करने वाले ‘कुछ कांग्रेसी नेताओं’ के नाम पूछने पर, उन्होंने कहा, ‘‘इस बाबत मुझसे नाम मत पूछिये आप लोग अच्छी तरह जानते है।’’
वर्मा ने दावा किया कि गोंडा, बाराबंकी और रायबरेली तीन जनपदों को विधानसभा चुनाव में लक्ष्य साधकर कांग्रेस को नुकसान पहुंचाया गया। इतना ही नहीं बाराबंकी में उनके बेटे राकेश को हराने के लिए पांच करोड़ रुपये खर्च किए गए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय पार्टी होने के बावजूद कांग्रेस के प्रत्याशी कम जीतते हैं और निर्दलीय प्रत्याशी ज्यादा जीत जाते हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे लोगों के बारे में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राहुल गांधी को पूरी जानकारी है और वह सारी वस्तुस्थिति को समझते भी हैं।
बेनी प्रसाद वर्मा समाजवादी पार्टी के न केवल कद्दावर नेता रहे हैं, बल्कि संस्थापको में भी शामिल हैं। उन्होंने कांग्रेस को कमजोर करने वालों का नाम लिए बगैर दावा किया, ‘‘कांग्रेस के कुछ नेताओं की हैसियत तो देखिए कि वे लोग करोड़ों रुपये में खेल रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि उनका लक्ष्य उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को एक बार फिर न केवल मजबूत करने का है बल्कि राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद पर भी देखने चाहते हैं।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
बेनी प्रसाद वर्मा, यूपी की राजनीति, कांग्रेस की हार, Beni Prasad Verma, UP Politics, Congress Debacle