उत्तर प्रदेश के ताकतवर काबीना मंत्री आजम खान के खिलाफ ‘फेसबुक’ पर टिप्पणी करने के आरोप में गिरफ्तार किये गये 12वीं कक्षा के एक छात्र की जमानत लेने वाले कांग्रेस के एक नेता ने अपनी सुरक्षा को खतरा बताते हुए मदद के लिए राजभवन के दरवाजे खटखटाए हैं।
कांग्रेस की रामपुर जिला इकाई के महासचिव फैसल खान लाला के मुताबिक खान के खिलाफ फेसबुक पर लिखने के आरोपी छात्र विक्की की जमानत लेने के बाद से वह काबीना मंत्री के समर्थकों के निशाने पर हैं।
फैसल ने बताया, ‘मैंने विक्की की उस वक्त मदद की थी जब शहर में कोई भी उसके लिए तैयार नहीं था। आजम खान के समर्थक मुझे परेशान कर रहे हैं। वे सतून संग इलाके में बने मेरे घर के पास समूह बनाकर आते हैं और नारेबाजी तथा गाली-गलौज करते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘मैं और मेरा परिवार आजम खान के समर्थकों से डरा हुआ है। मैंने इस हफ्ते के शुरू में राज्यपाल राम नाइक से मुलाकात करके सुरक्षा के गुहार लगायी थी।’ फैसल ने कहा कि फेसबुक पर टिप्पणी के लिये 19 वर्षीय छात्र विक्की पर मुकदमा दर्ज कराने वाला खान का मीडिया प्रभारी खुद भी भारतीय दंड विधान की धारा 307 का अभियुक्त है।
फैसल के मुताबिक खान के मीडिया प्रभारी के खिलाफ वह मुकदमा लोकसभा चुनाव के दौरान खुद उन्होंने ही दर्ज कराया था। हाई कोर्ट ने रामपुर के पुलिस अधीक्षक को उसके खिलाफ कार्रवाई के स्पष्ट आदेश दिए थे लेकिन उसका अनुपालन आज तक नहीं हुआ।
उन्होंने कहा, ‘रामपुर में आजम खान का ऐसा आतंक है कि कोई भी उनके खिलाफ खुले तौर पर बोलने को तैयार नहीं है। यही हाल मेरी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं का भी है।’
इस बीच, राज्यपाल राम नाइक ने कहा कि उन्होंने फैसल द्वारा दी गई शिकायत को अपने पत्र के साथ मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास भेज दिया है, ताकि उसकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। नाइक ने कहा, ‘यह गम्भीर मामला है। फैसल ने मुझसे कहा कि उसे एक मंत्री से खतरा है। मैंने मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पत्र लिखा है और कानून के हिसाब से शिकायतकर्ता को पर्याप्त सुविधा उपलब्ध कराने को कहा है।’ हालांकि इस बारे में आजम खान से सम्पर्क की कोशिश की गई लेकिन उनसे बात नहीं हो सकी।
गौरतलब है कि प्रदेश के नगर विकास मंत्री आजम खान के खिलाफ सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट ‘फेसबुक’ पर टिप्पणी करने के आरोप में गत 16 मार्च को गुलरेज खान उर्फ विक्की नामक छात्र को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया था। बाद में उसे जमानत पर छोड़ दिया गया था।
गत 24 मार्च को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी कानून की धारा 66 ‘ए’ को समाप्त कर दिए जाने के बाद विक्की को रिहा कर दिया गया था। धारा 66 ‘ए’ पुलिस को कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले को गिरफ्तार करने की शक्ति देती थी।
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