नई दिल्ली : कांग्रेस को एक बड़ा झटका देने वाले फैसले में पूर्व पर्यावरण मंत्री जयंती नटराजन ने आज पार्टी छोड़ दी और राहुल गांधी पर करारा हमला बोलते हुए कहा कि उन्होंने (जयंती) परियोजनाओं को मंजूरी देने में कांग्रेस उपाध्यक्ष के निर्देश का पालन किया, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व ने उनकी ‘उपेक्षा, तिरस्कार और अपमान किया।
लंबे समय से कांग्रेस की वफादार रही जयंती ने कहा कि वह संप्रग शासन में मंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अपने द्वारा दी गई पर्यावरण संबंधी मंजूरियों को लेकर जांच का सामना करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि ‘इस तरह के कड़वे अनुभवों’ के बाद किसी दूसरे राजनीतिक दल में शामिल होने की उनकी कोई योजना नहीं है।
उन्होंने यहां जल्दबाजी में बुलाए गए एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, मैंने सभी पर्यावरण मुद्दों पर केवल पार्टी लाइन और नियम पुस्तिका का पालन किया। मैंने लोगों के वन से जुड़े अधिकारों और वेदांता जैसे मामलों में आदिवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए काम किया। मैंने अपनी ओर से कुछ गलत नहीं किया। जयंती ने कहा कि वह पार्टी के ‘घुटनभरे माहौल’ में नहीं रह सकतीं।
उन्होंने आरोप लगाया कि सोनिया गांधी के निर्देश पर पर्यावरण मंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद राहुल गांधी के कार्यालय ने उनकी प्रतिष्ठा धूमिल करने के लिए गलत खबरें फैलाई।
जयंती ने राहुल पर निर्णय प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाते हुए कहा, राहुल गांधी के कार्यालय से विशेष ‘इनपुट’ मिलते थे, जो कुछ बड़ी परियोजनाओं पर चिंता जताने वाले गैर सरकारी संगठनों के वर्णनों पर आधारित थे।
जयंती ने कहा, मैंने कुछ गलत नहीं किया। अगर मेरे कुछ गलत करने की बात साबित होती है तो मैं फांसी चढ़ने या जेल जाने को तैयार हूं। उन्होंने यह भी कहा कि संप्रग-2 में मंत्री के तौर पर वह स्नूपगेट (जासूसी) मुद्दे पर नरेन्द्र मोदी पर हमला नहीं करना चाहती थीं, लेकिन उनसे कहा गया कि पार्टी का उच्चस्थ नेतृत्व चाहता है कि वह ऐसा करें।
जयंती ने अपने भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर कहा, मैं अपनी जिंदगी और भविष्य के बारे में सोचना चाहती हूं। किसी दूसरी पार्टी में जाने की मेरी कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्हें केवल पार्टी आलाकमान से परेशानियां थीं, तमिलनाडु (कांग्रेस) शाखा से उन्हें कोई शिकायत नहीं है। पूर्व पर्यावरण मंत्री ने कहा कि उन्होंने तमिलनाडु कांग्रेस शाखा के ट्रस्टी का पद भी छोड़ दिया है।
उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस के मुख्य अंश
- हां, यह चिट्ठी मैंने ही लिखी है
- मैं 10 सालों तक कांग्रेस की प्रवक्ता रही
- मेरे परिवार की चार पीढ़ियां कांग्रेस से जुड़ी रही हैं
- अब कांग्रेस में रहने पर विचार करना पड़ रहा है
- कांग्रेस उपाध्यक्ष के दफ्तर से निर्देश मिले
- मैंने नियमों के मुताबिक ही फैसले लिए
- मेरे लिए पर्यावरण को बचाना ज़रूरी था
- यूपीए के कई मंत्री मेरे खिलाफ हो गए थे
- कई कैबिनेट मंत्रियों का मत इसके खिलाफ था
- मेरे ऊपर बेबुनियाद आरोप लगाए गए
- मुझसे पार्टी के नाम पर इस्तीफा मांगा गया
- बाद में कहा, पार्टी को तुम्हारी जरूरत नहीं
- मैंने 'स्नूपगेट' को लेकर मोदी पर हमला इच्छा के खिलाफ जाकर पार्टी के दबाव की वजह से किया
- आज बेहद तकलीफदेह दिन है
- राहुल गांधी के इनपुट मेरे लिए निर्देश थे
- मैंने सिर्फ नियमों का पालन किया, भले ही राहुल गांधी के इनपुट थे या नहीं
- राहुल गांधी ने फिक्की में दिए भाषण में मुझे पर्यावरण मंजूरियों के रास्ते के रोड़े की तरह पेश किया
- मेरा अनुभव बेहद खराब रहा है
- सोनिया गांधी ने मुझसे मंत्री पद से इस्तीफा मांगा
- इस्तीफे से पहले कहा गया कि पार्टी को मेरी ज़रूरत है
- इस्तीफे के अगले दिन गलत आरोप लगाए
- इस्तीफे के बाद कहा गया, पार्टी को मेरी ज़रूरत नहीं थी
- राहुल गांधी के दफ्तर ने फैलाई ख़बर
- हाईकमान ने मुझे किनारे लगा दिया
- कांग्रेस के सभी पदों से इस्तीफा दे रही हूं
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