पटना:
कांग्रेस और जनता दल (यू) के बीच भविष्य में तालमेल या गठबंधन के कयासों के बीच केन्द्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने मंगलवार को कहा कि उनकी पार्टी हमेशा धर्मनिरपेक्षता के साथ रही है और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अच्छे इंसान हैं।
शिंदे ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘जब भी धर्मनिरपेक्षता या किसी धर्मनिरपेक्ष राज्य की बात होती है, कांग्रेस उसके साथ है। यह धर्मनिरपेक्ष शक्तियों का फर्ज है कि वे एक दूसरे की मदद करें।’’
केन्द्रीय गृहमंत्री ने भाजपा की तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘‘जातिवादी और सांप्रदायिक शक्तियां देश नहीं चला सकतीं.. सिर्फ धर्मनिरपेक्ष संस्थाएं राष्ट्र को चला सकती हैं।’’ शिंदे ने नीतीश कुमार के बारे में कहा कि वह एक अच्छे इंसान हैं और लंबे समय से मैं उन्हें जानता हूं। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं सांसद था, वह (नीतीश) रेलमंत्री थे।
शिंदे और कुमार दोनों विमान से नेपाल की सीमा से लगे सुपौल शहर जा रहे हैं जहां एसएसबी भर्ती प्रशिक्षण केन्द्र का शिलान्यास किया जाएगा और 552 किलोमीटर लंबी भारत नेपाल सीमा सड़क का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
जब शिंदे पत्रकारों से बातें कर रहे थे, मुख्यमंत्री हवाई अड्डे पर मौजूद थे। लेकिन दोनों एक साथ नहीं थे। उल्लेखनीय है कि जब से कांग्रेस के चार विधायकों ने 19 जून के विश्वास-मत प्रस्ताव पर नीतीश कुमार के पक्ष में मतदान किया, कांग्रेस और जद (यू) के बीच भविष्य में रिश्ते बनने के कयास लगाए जाने लगे हैं।
कांग्रेन ने पार्टी उपाध्यक्ष की सलाह पर 2009 के संसदीय चुनाव में बिहार में अपने पुराने मित्र लालू प्रसाद के राष्ट्रीय जनता दल से चुनावी रिश्ता तोड़ा है और तब से वह सभी चुनाव अपने बल पर लड़ रही है।
बहरहाल, कांग्रेस के प्रदर्शन में गिरावट आई है और यह महाराजगंज उपचुनाव के नतीजे से दिख रहा है जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई।
शिंदे ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘जब भी धर्मनिरपेक्षता या किसी धर्मनिरपेक्ष राज्य की बात होती है, कांग्रेस उसके साथ है। यह धर्मनिरपेक्ष शक्तियों का फर्ज है कि वे एक दूसरे की मदद करें।’’
केन्द्रीय गृहमंत्री ने भाजपा की तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘‘जातिवादी और सांप्रदायिक शक्तियां देश नहीं चला सकतीं.. सिर्फ धर्मनिरपेक्ष संस्थाएं राष्ट्र को चला सकती हैं।’’ शिंदे ने नीतीश कुमार के बारे में कहा कि वह एक अच्छे इंसान हैं और लंबे समय से मैं उन्हें जानता हूं। उन्होंने कहा, ‘‘जब मैं सांसद था, वह (नीतीश) रेलमंत्री थे।
शिंदे और कुमार दोनों विमान से नेपाल की सीमा से लगे सुपौल शहर जा रहे हैं जहां एसएसबी भर्ती प्रशिक्षण केन्द्र का शिलान्यास किया जाएगा और 552 किलोमीटर लंबी भारत नेपाल सीमा सड़क का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
जब शिंदे पत्रकारों से बातें कर रहे थे, मुख्यमंत्री हवाई अड्डे पर मौजूद थे। लेकिन दोनों एक साथ नहीं थे। उल्लेखनीय है कि जब से कांग्रेस के चार विधायकों ने 19 जून के विश्वास-मत प्रस्ताव पर नीतीश कुमार के पक्ष में मतदान किया, कांग्रेस और जद (यू) के बीच भविष्य में रिश्ते बनने के कयास लगाए जाने लगे हैं।
कांग्रेन ने पार्टी उपाध्यक्ष की सलाह पर 2009 के संसदीय चुनाव में बिहार में अपने पुराने मित्र लालू प्रसाद के राष्ट्रीय जनता दल से चुनावी रिश्ता तोड़ा है और तब से वह सभी चुनाव अपने बल पर लड़ रही है।
बहरहाल, कांग्रेस के प्रदर्शन में गिरावट आई है और यह महाराजगंज उपचुनाव के नतीजे से दिख रहा है जिसमें कांग्रेस प्रत्याशी की जमानत जब्त हो गई।
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