दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में हुई हिंसा को लेकर कांग्रेस (Congress) की एक कमेटी ने तथ्यों की जांच से जुड़ी एक रिपोर्ट तैयार की है. बीते शनिवार यह रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को सौंपी गई. रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस ने आज (रविवार) प्रेस कॉन्फ्रेंस की. कमेटी ने बताया कि उन्होंने सभी पक्षों से बात करने की कोशिश की लेकिन JNU प्रशासन और ABVP कार्यकर्ताओं ने उनसे बात नहीं की. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में जो प्रस्ताव दिए हैं, उनके अनुसार विश्वविद्यालय के कुलपति (VC) एम. जगदीश कुमार को बर्खास्त किया जाए. VC की नियुक्ति के बाद से JNU में की गई हर नियुक्ति और फैसलों की न्यायिक जांच की मांग की गई है. JNU हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को ही जिम्मेदार न माना जाए बल्कि कुलपति, शिक्षक और सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया जाए, क्योंकि इसके पीछे इन सबकी साजिश की आशंका है. JNU में फीस बढ़ोतरी वापस होनी चाहिए क्योंकि इसके बाद JNU सबसे महंगा केंद्रीय विश्वविद्यालय बन गया है.
हिंसा में शामिल हो सकते हैं बाहरी लोग, उनका विश्वविद्यालय से कोई लेनादेना नहीं : JNU के वीसी
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में वीसी जगदीश कुमार से सवाल किए हैं कि पांच जनवरी की प्रेस रिलीज में साबरमती हॉस्टल का जिक्र क्यों नहीं है जबकि वहां सबसे ज्यादा हिंसा हुई थी. अगर 3 जनवरी को सर्वर रूम बंद करवाने के बाद अगले दिन ठीक कर लिया गया तो फिर 4 तारीख को दोबारा इसके बंद होने के बाद सर्वर क्यों नहीं चला. क्या ऐसा इसलिए किया गया था कि VC को मालूम था कि 5 जनवरी को कैंपस में गुंडे आएंगे. VC कहते हैं कि वह छात्रों के पक्ष में हैं तो फिर उन्होंने व्हाट्सएप के जरिए परीक्षा करवाने की कोशिश क्यों की. फीस बढ़ोतरी के लिए की गई एग्जीक्यूटिव कमेटी की बैठक की जगह को आखिरी वक्त में क्यों बदल दिया गया. यह बैठक JNU की जगह आईटीओ के करीब हुई थी. मानव संसाधन मंत्रालय (HRD) द्वारा गठित उच्च स्तरीय कमेटी के सामने भी VC पेश क्यों नहीं हुए.
JNUSU का आरोप, पुलिस को दी गई थी हिंसा की सूचना, मैसेज पढ़ने के बावजूद अनदेखी की
JNU छात्रसंघ की ओर से VC को चिट्ठी लिखकर कहा गया था कि आप नया सत्र शुरू कीजिए लेकिन पहले फीस बढ़ोतरी वापस लीजिए, लेकिन कुलपति ने इसका कोई जवाब नहीं दिया. हिंसा को लेकर पुलिस कार्रवाई पर VC कहते हैं कि 4:30 बजे पुलिस को बुलाया गया था. पुलिस कहती है कि यूनिवर्सिटी की ओर से उन्हें 7:30 बजे बुलाया गया, कौन झूठ बोल रहा है. तीन एफआईआर करवाई गई हैं. छात्रसंघ अध्यक्ष, छात्रों और महिला प्रोफेसर को सिर पर चोट लगी है तो उस मामले में हत्या की कोशिश की धारा के तहत मामला दर्ज क्यों नहीं किया गया. अभी तक 161 के तहत कितने लोगों के बयान दर्ज करवाए गए हैं. सिक्योरिटी विंग ने 5 जनवरी की शाम 8:39 और 8:43 बजे एफआईआर करवाई, यह वो वक्त था जब घायल छात्र AIIMS में अपना इलाज करवा रहे थे, यानी अपना मूल काम छोड़कर आंदोलन को तोड़ने में भूमिका निभाई. आरोप यह भी है कि सुरक्षाकर्मी नकाब पहनकर कैंपस में मौजूद थे.
JNU को व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी बनाने की कोशिश की जा रही है: कन्हैया कुमार
साबरमती हॉस्टल के वार्डन के कमरे से भीड़ आई. हमले के वक्त बिजली काट दी गई, इसका मतलब है कि यह हमला सरकार द्वारा प्रायोजित था. दिल्ली पुलिस ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में सभी वामपंथी छात्र संगठनों का नाम लिया लेकिन ABVP, RSS का नाम लेने से क्यों वह क्यों डर गई. मानव संसाधन विकास मंत्रालय पूरी तरह नाकाम रहा है. VC की ऐसी क्या ताकत है कि मंत्रालय के सचिव का तबादला कर दिया जाता है. कुलपति जगदीश कुमार JNU के लिए कैंसर की तरह हैं और यह तेजी से फैल रहा है. कुलपति को JNU में रहने का अधिकार नहीं है, उन्हें जेल में होना चाहिए. उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज होना चाहिए. कमेटी के सदस्यों ने बताया कि सोनिया गांधी ने इस मामले में निर्देश दिए हैं कि कांग्रेस से जुड़े वकीलों की मदद से इस केस में आगे की कार्रवाई की जाए.
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