कांग्रेस ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर नाराजगी जताते हुए गिनाईं ये खामियां...

कांग्रेस ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर नाराजगी जताते हुए गिनाईं ये खामियां...

कांग्रेस नेता अजय माकन (फाइल फोटो)

नई दिल्ली:

कांग्रेस ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों पर नाराजगी जताई और मांग की कि सरकारी कर्मचारियों की विभिन्न श्रेणियों में वेतन में कम से कम 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी की जानी चाहिए। पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता अजय माकन ने संवाददाताओं से कहा कि केंद्र सरकार के कर्मचारी आयोग की सिफारिशों से 'हताश एवं निराश' हैं। लाभार्थियों के लिए यह अन्यायपूर्ण और अपमानजनक है।

उन्होंने सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट में कई खामियां गिनाते हुए कहा, यह दुर्भाग्यूपर्ण है कि जिन कर्मचारियों को पांचवें और छठे वेतन आयोग द्वारा 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी दी गई थी, उन्हें अब मात्र 14.29 प्रतिशत की बढ़ोतरी देने की सिफारिश की गई है।

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कांग्रेस नेता ने यह खामी भी बताई कि आयोग ने लगातार चली आ रही इस मांग को नजरअंदाज किया कि निम्नतम भुगतान प्राप्त और उच्चतम भुगतान प्राप्त कर्मचारियों के बीच के अंतर को 1:12 से घटाकर 1:8 किया जाए, जैसी कि छठे वेतन आयोग ने सिफारिश की थी। उन्होंने दावा किया कि इस अंतर को कम करने की बजाय सातवें वेतन आयोग ने इसे बढ़ाकर 1:14 कर दिया।

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माकन ने कहा, जब हम सिफारिशों का अध्ययन करते हैं तो प्रतीत होता है कि यह कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों के खिलाफ है और उनकी वित्तीय स्थिति को सुधारने में विफल है। यह उच्च स्तर के अधिकारियों के पक्ष में प्रतीत होता है। उन्होंने खास तौर पर वर्तमान में मौजूद 52 भत्तों और त्योहारों के अवसर पर या कार, मोटरसाइकिल-स्कूटर-मोपेड खरीदने के लिए बिना ब्याज के दिए जाने वाले अग्रिम कर्ज को खत्म किए जाने की सिफारिश पर आपत्ति जताई।

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माकन ने कहा कि छठे वेतन आयोग ने जहां ग्रेड-पे के साथ वेतन में तीन से चार प्रतिशत सालाना वृद्धि की सिफारिश की थी, वहीं सातवें वेतन आयोग ने इसे केवल तीन प्रतिशत तक सीमित कर दिया है।