महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस ने आरएसएस (RSS) प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) को भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या और अर्थव्यवस्था पर उनकी टिप्पणी के लिए मंगलवार को उन्हें आड़े हाथों लिया. प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत ने एक बयान में कहा कि भीड़ द्वारा पीट-पीट कर हत्या की घटनाओं को अंजाम लेने वाले लोग आरएसएस की विचारधारा से आते हैं. सावंत ने कहा, ‘‘आरएसएस का लिंचिंग से कोई लेना नहीं है, यह कहना वैसा ही झूठ है जैसे यह कहना झूठ है कि आरएसएस एक सांस्कृतिक संगठन है, जातिवाद का विरोधी है, आरक्षण का समर्थक है और संविधान तथा तिरंगे का सम्मान करता है.'' कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘‘ झूठ फैलाना संघ परिवार की विचारधारा है.''
गौरतलब है कि नागपुर में मंगलवार सुबह आरएसएस की विजयादशमी रैली को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि भारतीय परिप्रेक्ष्य में लिंचिंग शब्द का इस्तेमाल करना गलत है. ‘भीड़ हत्या' (लिंचिंग) पश्चिमी तरीका है और देश को बदनाम करने के लिए भारत के संदर्भ में इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. यह शब्द भारत को बदनाम करने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. भागवत ने यह भी कहा कि देश में आर्थिक मंदी नहीं है क्योंकि देश पांच प्रतिशत की दर से विकास कर रहा है.
मॉब लिंचिंग को लेकर संघ प्रमुख मोहन भागवत का बड़ा बयान, कहा- देश को बदनाम करने के लिए...
भागवत ने कहा कि संघ 'भारत एक हिंदू राष्ट्र' के अपने नजरिये पर अडिग है. नागपुर के रेशमीबाग में संघ के विजयदशमी उत्सव के दौरान अपने संबोधन में सरसंघचालक ने कहा कि राष्ट्र के वैभव और शांति के लिये काम कर रहे सभी भारतीय “हिंदू” हैं. संघ की अपने राष्ट्र की पहचान के बारे में साथ ही हम सबकी सामूहिक पहचान के बारे में और हमारे देश के स्वभाव की पहचान के बारे में स्पष्ट दृष्टि व घोषणा है. वह सुविचारित व अडिग है, कि भारत हिंदुस्तान, हिंदू राष्ट्र है. भागवत ने आगे कहा कि जो भारत के हैं, जो भारतीय पूर्वजों के वंशज हैं व सभी विविधताओं का स्वीकार, सम्मान व स्वागत करते हुए आपस में मिलजुल कर देश का वैभव व मानवता में शांति बढ़ाने का काम करने में जुट जाते हैं वे सभी भारतीय हिंदू हैं.
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