सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में सीटों का समझौता हो गया है
नई दिल्ली:
2019 लोकसभा चुनाव की तैयारियां शुरू हो गई हैं. बीजेपी को हराने के लिये विपक्ष एकजुट होने लगा है. सूत्रों के हवाले से एनडीटीवी को ख़बर मिली है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस, सपा, बसपा और आरएलडी मिलकर चुनाव लड़ेंगे. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़ चारों दलों में साथ मिलकर लड़ने को सहमति बन गई है. हालांकि सीट बंटवारे पर अभी अंतिम फ़ैसला नहीं हुआ है लेकिन सूत्रों का कहना है कि महागठबंधन में कांग्रेस को 8 सीटें मिलेंगी. सपा को 30 सीटें मिल सकती हैं. आरएलडी की सीटें सपा के कोटे में ही होंगी. वहीं सबसे ज़्यादा सीटें मायावती की पार्टी बसपा को मिल सकती हैं. बसपा को 40 सीटें मिलने का अनुमान है. हालांकि सीटों का ये फॉर्मूला अभी अंतिम नहीं है.
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राजनीतिक गलियारों में हमेशा से ही यह बात कही जाती रही है कि दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश से होकर ही जाता है. सीटों के लिहाज से उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा राज्य है और यहां पर लोकसभा की 80 सीटें हैं. 2014 के चुनाव में बीजेपी की अगुवाई में एनडीए को 73 सीटें मिली थीं जिसमें अकेले बीजेपी को ही 71 सीटें मिली थीं. कुछ दिन पहले ही गोरखपुर-फूलपुर और कैराना में हुये लोकसभा उपचुनाव में इन दलों की एकता ने बीजेपी को हराने में कामयाबी पाई थी. इसमें गोरखपुर सीट पर बीजेपी की हार सबसे सपा-बीएसपी गठबंधन की सबसे बड़ी जीत थी.
मुकाबला : क्या बीजेपी को घेरने में सफल हो पा रही है कांग्रेस?
विपक्ष एकता की कोशिश में जुटे एनसीपी नेता शरद पवार और बीएसपी प्रमुख मायावती के बीच पिछले ही हफ्ते एक मुलाकात हुई थी. सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में दोनों नेताओं के बीच बीएसपी की सीटों को लेकर चर्चा हुई है खास तौर पर राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव को लेकर. खबर है कि मध्य प्रदेश में बीएसपी ने कांग्रेस से 50 सीटों की मांग की है लेकिन कांग्रेस ने उसे 22 सीटों का ऑफर दिया था और वह 30 से ज्यादा सीटों पर समझौता करने के लिये राजी नहीं है. इसके बाद से बात अटक गई है. वहीं बात करें उत्तर प्रदेश की तो कांग्रेस से जुड़े सूत्रों का कहना है कि जिस फॉर्मूले की बात की जा रही है उस पर पार्टी में चर्चा करना अभी बाकी है. वहीं पार्टी ने झारखंड, महाराष्ट्र, बिहार, तमिलनाडु और केरल में पहले ही गठबंधन कर लिया है.
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