कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि कई पूंजीपतियों के 68,000 करोड़ रुपये से अधिक के कर्ज को बट्टे खाते में डालने से जुड़ी रिपोर्ट पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को देश को भटकाने के बजाय सच्चाई बतानी चाहिए.पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘ देश को भटकाने के बजाय निर्मला सीतारमण जी को सत्य बताना चाहिए, क्योंकि यही राजधर्म की कसौटी है. मोदी सरकार ने 2014-15 से 2019-20 के बीच साढ़े पांच साल में चूककर्ताओं का 6,66,000 करोड़ रुपये का क़र्ज़ क्यों बट्टे खाते में डाला?''उन्होंने सवाल किया, ‘‘ क्या 95 चूककर्ताओं का 68,607 करोड़ रुपये का क़र्ज़ माफ़ करने का रिजर्व बैंक का आरटीआई जवाब सही है? मोदी सरकार देश का पैसा ले कर भाग गए घोटालेबाज़ों - नीरव मोदी एवं मेहुल चोकसी(₹8,048 करोड़ रुपये), जतिन मेहता(6,038 करोड़ रुपये), माल्या(1,943 करोड़ रुपये) और अन्य मित्रों का क़र्ज़ क्यों बट्टे खाते में डाल रही है?''
सुरजेवाला ने यह भी पूछा कि इतना बड़े 6,66,000 करोड़ रुपये के कर्ज को बट्टे खाते में डालने की अनुमति सरकार में किसने दी और क्यों दी ?उन्होंने दावा किया, ‘‘6,66,000 करोड़ रुपये को बट्टे खाते में डालने को “सिस्टम की सफ़ाई” नही, बैंक में जमा “जनता की गाढ़ी कमाई की सफ़ाई” कहते हैं.''सुरजेवाला ने कहा, ‘‘ हम आपको व मोदी जी को यही कहेंगे - तू इधर उधर की बात न कर, ये बता की क़ाफ़िला क्यों लूटा, मुझे रहजनों से गिला नही, तेरी रहबरी का सवाल है.''
दरअसल, कांग्रेस का दावा है कि ‘24 अप्रैल को आरटीआई के जवाब में रिज़र्व बैंक ने सनसनीखेज खुलासा करते हुए 50 सबसे बड़े बैंक घोटालेबाजों का 68,607 करोड़ रुपया ‘माफ करने' की बात स्वीकार की. इनमें भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी और नीरव मोदी के नाम भी शामिल हैं.'कांग्रेस के आरोप पर पलटवार करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार रात कहा कि जानबूझकर ऋण नहीं चुकाने वाले संप्रग सरकार की ‘फोन बैंकिंग' के लाभकारी हैं. मोदी सरकार उनसे बकाया वसूली के लिए उनके पीछे पड़ी है.
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