नई दिल्ली:
धौलपुर महल की मिल्कियत को लेकर कांग्रेस और बीजेपी के बीच दस्तावेज़ों की जंग छिड़ गई है। कांग्रेस ने कुछ और दस्तावेज़ पेश कर राजे परिवार परिवार पर ग़ैरक़ानूनी क़ब्ज़े का आरोप लगाया है।
धौलपुर महल किसका है इस पर कांग्रेस की तरफ़ से पेश काग़ज़ातों में एक 1949 का वो दस्तावेज़ है जिसमे धौलपुर महल को सरकारी सम्पति बताया गया है और महाराजा उदय भान सिंह के जीवित रहने तक ही ये महल उनके पास रहने की बात की गई है।
दूसरा दस्तावेज़ 17 मई 2007 का भरतपुर के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज के फ़ैसले की कॉपी है जिसमें लिखा गया है कि हेमंत सिंह और दुष्यंत सिंह के बीच हुआ समझौता चल संपत्ति को लेकर है, अचल सम्पति के लिए नहीं। जयराम रमेश कहते हैं कि इस काग़ज़ात के बाद तो कहने के लिए कुछ बचा ही नहीं रह जाता।
सोमवार को बीजेपी ने पिता पुत्र के बीच समझौते का हवाला देकर धौलपुर महल पर दुष्यंत की मिल्कियत बतायी थी। NHAI को ज़मीन देने की एवज़ में मुआवज़ा मिलने का हवाला भी दिया था। अब कांग्रेस आरोप लगा रही है कि NHAI से 2 करोड़ मुआवज़ा धोखाधड़ी का मामला है।
जयराम रमेश के मुताबिक़ 10 अप्रैल 2013 को सीबीआई में इस बाबत शिकायत दर्ज की गई थी। अब मोदी सरकार मामले की जांच आगे बढ़ाए।
कांग्रेस धौलपुर महल पर राजे परिवार के क़ब्ज़े को सामंतवाद क़रार दे रही है तो सुषमा स्वराज के पति और बेटी को ललित मोदी की वकालत करने के मामले को परिवारवाद। फिर प्रधानमंत्री मोदी से पूछ रही है कि इन दोनों से इस्तीफ़ा क्यों नहीं ले रहे।
धौलपुर महल किसका है इस पर कांग्रेस की तरफ़ से पेश काग़ज़ातों में एक 1949 का वो दस्तावेज़ है जिसमे धौलपुर महल को सरकारी सम्पति बताया गया है और महाराजा उदय भान सिंह के जीवित रहने तक ही ये महल उनके पास रहने की बात की गई है।
दूसरा दस्तावेज़ 17 मई 2007 का भरतपुर के एडिशनल डिस्ट्रिक्ट जज के फ़ैसले की कॉपी है जिसमें लिखा गया है कि हेमंत सिंह और दुष्यंत सिंह के बीच हुआ समझौता चल संपत्ति को लेकर है, अचल सम्पति के लिए नहीं। जयराम रमेश कहते हैं कि इस काग़ज़ात के बाद तो कहने के लिए कुछ बचा ही नहीं रह जाता।
सोमवार को बीजेपी ने पिता पुत्र के बीच समझौते का हवाला देकर धौलपुर महल पर दुष्यंत की मिल्कियत बतायी थी। NHAI को ज़मीन देने की एवज़ में मुआवज़ा मिलने का हवाला भी दिया था। अब कांग्रेस आरोप लगा रही है कि NHAI से 2 करोड़ मुआवज़ा धोखाधड़ी का मामला है।
जयराम रमेश के मुताबिक़ 10 अप्रैल 2013 को सीबीआई में इस बाबत शिकायत दर्ज की गई थी। अब मोदी सरकार मामले की जांच आगे बढ़ाए।
कांग्रेस धौलपुर महल पर राजे परिवार के क़ब्ज़े को सामंतवाद क़रार दे रही है तो सुषमा स्वराज के पति और बेटी को ललित मोदी की वकालत करने के मामले को परिवारवाद। फिर प्रधानमंत्री मोदी से पूछ रही है कि इन दोनों से इस्तीफ़ा क्यों नहीं ले रहे।
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