कांग्रेस ने शुक्रवार को राजस्थान के कैबिनेट मंत्री हरीश चौधरी को पंजाब और चंडीगढ़ के लिए अपना नया प्रभारी नियुक्त किया. कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हरीश चौधरी की नियुक्ति की. वह उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की जगह पंजाब का प्रभार देखेंगे. रावत को आखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं प्रभारी पद की जिम्मेदारी से मुक्त किया गया है, हालांकि उन्हें कांग्रेस कार्य समिति का सदस्य बनाये रखा गया है. वेणुगोपाल ने यह भी कहा कि पार्टी, महासचिव के तौर रावत के योगदान की सराहना करती है.
पंजाब प्रदेश कांग्रेस में पिछले कई महीनों से चल रही उठापटक की पृष्ठभूमि में रावत ने पिछले दिनों कांग्रेस आलाकमान से आग्रह किया था कि उन्हें राज्य के प्रभारी की जिम्मेदारी से मुक्त किया जाए ताकि वह अपने गृह प्रदेश उत्तराखंड में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव पर ध्यान केंद्रित कर सकें.
प्रभारी की जिम्मेदारी से मुक्त किये जाने के बाद रावत ने ट्वीट किया, ‘मैं सोनिया गांधी जी, राहुल गांधी जी और कांग्रेस के नेतृत्व को बहुत-बहुत धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने पंजाब के दायित्व से मुझे मुक्त करने का जो मेरा अनुरोध था उसे स्वीकार किया.'
उन्होंने यह भी कहा, ‘मैं पंजाब कांग्रेस के सभी अपने सहयोगियों को उनके द्वारा मेरे कार्यकाल में प्रदत सहयोग के लिए भी बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं और पंजाब कांग्रेस व पंजाब के साथ हमारा प्रेम, स्नेह, समर्थन हमेशा यथावत बना रहेगा. बल्कि मेरा प्रयास रहेगा कि चुनाव के दौरान मैं पंजाब कांग्रेस के साथ खड़ा होने के लिए वहां पहुंचू.'
रावत ने कहा, ‘मैं पंजाब कांग्रेस के नेतृत्व से भी विशेष तौर पर मुख्यमंत्री जी और अपने कुछ मंत्रीगणों, कांग्रेस अध्यक्ष से प्रार्थना करना चाहूंगा कि वो उत्तराखंड के चुनाव में भी रुचि लें और यहां आकर हमारी पीठ ठोकने का काम करें.'
चौधरी ने नयी जिम्मेदारी मिलने को लेकर ट्वीट किया, ‘संगठन द्वारा मुझे पंजाब एवं चंडीगढ़ के प्रभारी की जो जिम्मेदारी दी हैं इसके लिए मैं सोनिया गांधी जी, हमारे नेता राहुल गांधी जी का आभारी हूं. पंजाब कांग्रेस के सभी साथियों के साथ मिलकर मज़बूती से संगठन के लिए काम करेंगे.'
राहुल गांधी के भरोसेमंद चौधरी पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के खिलाफ कांग्रेस विधायकों और कई नेताओं के आवाज बुलंद करने के पीछे के घटनाक्रम के पीछे के एक प्रमुख सूत्रधार माने जाते हैं. वह पिछले कई महीनों से राज्य में कांग्रेस संगठन और सरकार के घटनाक्रमों पर नजर रख रहे थे और चरणजीत चन्नी को मुख्यमंत्री को चुने जाने के समय पर्यवेक्षक की भूमिका में थे. चौधरी पंजाब में कांग्रेस प्रभारी की जिम्मेदारी ऐसे समय संभालने जा रहे हैं जब पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह अलग पार्टी बनाने की घोषणा कर चुके हैं और मुख्यमंत्री चन्नी एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू के बीच अनबन की खबरें लगातार आ रही हैं.
विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पार्टी में एकजुटता बनाना और विशेष रूप से चन्नी और सिद्धू के बीच समन्वय स्थापित करना उनके लिए बड़ी चुनौती होगी. पंजाब में अगले साल फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव होना है.
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