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This Article is From Aug 02, 2015

कांग्रेस शासित अरुणाचल प्रदेश ने यूपीए के 2013 के लैंड बिल की आलोचना की

कांग्रेस शासित अरुणाचल प्रदेश ने यूपीए के 2013 के लैंड बिल की आलोचना की
प्रतीकात्मक चित्र
नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा राज्यसभा में विवादास्पद लैंड बिल पारित कराने के लिए समर्थन जुटाने का प्रयास किए जाने के बीच विपक्षी दलों के शासन वाले कुछ राज्य अपने अगले कदम पर रहस्य बनाए हुए हैं, जबकि कांग्रेसशासित अरुणाचल प्रदेश ने आश्चर्यजनक रूप से यूपीए शासन के दौरान पारित 2013 के भूमि कानून में त्रुटि पाई है।

कांग्रेस पार्टी के रुख के खिलाफ जाते हुए अरुणाचल प्रदेश ने 2013 के भूमि कानून को 'जटिल' बताया है और इस पर फिर से विचार करने की बात कही है।

इस विषय पर विचार कर रही बीजेपी के एसएस आहलुवालिया के नेतृत्व वाले संसद की संयुक्त समिति ने 29 मई को पहली बैठक के बाद प्रस्तावित विधेयक पर लिखित में राज्यों से अपने विचार व्यक्त करने को कहा था।

कांग्रेस शासित राज्यों ने 2013 के भूमि कानून में बदलाव का पूरी तरह से विरोध करते हुए समिति को पत्र लिखा था, लेकिन अरुणाचल प्रदेश में कांग्रेस नीत सरकार ने कहा कि यूपीए द्वारा 2013 में लाया गया कानून इस बारे में 1894 के कानून की तुलना में काफी वृहद और जटिल है।

समिति को भेजे संवाद में अरुणाचल प्रदेश ने कहा, उक्त कानून पर फिर से विचार किए जाने और इसे छोटा करने के लिए समीक्षा करने और सामाजिक प्रभाव के मूल्यांकन के लिए बाह्य विशेषज्ञ समूह को शामिल करने जैसी जटिलताओं को कम करने की जरूरत है... 2013 के भूमि कानून के तहत भूमि अधिग्रहण करने में कठिनाई है।

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