कमलनाथ और गुलाम नबी आजाद (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
अगले साल 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। ये राज्य हैं उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा। इन चुनावों के लिए सभी पार्टियां कमर कसे हुए हैं। इस बीच हाल ही में हुए विधानसभा चुनावी नतीजों के बाद कांग्रेस भी मानो कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती।
कांग्रेस ने अपने संगठन में छोटा फेरबदल करते हुए अपने दो पुराने दिग्गजों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। गुलाम नबी आजाद और कमलनाथ को ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटि में महासचिव बना दिया है। इसके साथ ही गुलाम नबी आजाद को उत्तर प्रदेश का जिम्मा और कमलनाथ को पंजाब और हरियाणा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इससे पहले उत्तर प्रदेश का प्रभार मधुसूदन मिस्त्री और पंजाब और हरियाणा का प्रभार शकील अहमद के पास था।
मिस्त्री को केंद्रीय चुनाव समिति का नया महासचिव प्रभारी नियुक्त किया गया है, जबकि शकील अहमद को प्रभार से मुक्त कर दिया गया है। कांग्रेस में इस नियुक्ति को एआईसीसी सचिवालय के पुनर्गठन की पहल के रूप में देखा जा रहा है। संगठन में फेरबदल ऐसे समय में किया गया है, जब राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष के रूप में प्रमोट करने की चर्चा जोर पकड़ने लगी है।
राज्यसभा चुनाव परिणाम सामने आने के एक दिन बाद सोनिया गांधी ने ये बदलाव किए, जिसमें उत्तर प्रदेश के कुछ पार्टी विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की और हरियाणा में 14 विधायकों ने गलत ढंग से चिह्न लगाकर मतदान किया, जिससे उनके मतपत्र अवैध हो गए। इसके कारण कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार आरके आनंद की हार हो गई। (इनपुट भाषा से)
कांग्रेस ने अपने संगठन में छोटा फेरबदल करते हुए अपने दो पुराने दिग्गजों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी है। गुलाम नबी आजाद और कमलनाथ को ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटि में महासचिव बना दिया है। इसके साथ ही गुलाम नबी आजाद को उत्तर प्रदेश का जिम्मा और कमलनाथ को पंजाब और हरियाणा की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इससे पहले उत्तर प्रदेश का प्रभार मधुसूदन मिस्त्री और पंजाब और हरियाणा का प्रभार शकील अहमद के पास था।
मिस्त्री को केंद्रीय चुनाव समिति का नया महासचिव प्रभारी नियुक्त किया गया है, जबकि शकील अहमद को प्रभार से मुक्त कर दिया गया है। कांग्रेस में इस नियुक्ति को एआईसीसी सचिवालय के पुनर्गठन की पहल के रूप में देखा जा रहा है। संगठन में फेरबदल ऐसे समय में किया गया है, जब राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष के रूप में प्रमोट करने की चर्चा जोर पकड़ने लगी है।
राज्यसभा चुनाव परिणाम सामने आने के एक दिन बाद सोनिया गांधी ने ये बदलाव किए, जिसमें उत्तर प्रदेश के कुछ पार्टी विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की और हरियाणा में 14 विधायकों ने गलत ढंग से चिह्न लगाकर मतदान किया, जिससे उनके मतपत्र अवैध हो गए। इसके कारण कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार आरके आनंद की हार हो गई। (इनपुट भाषा से)
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