नई दिल्ली:
मुस्लिम संस्था जमीयत उलेमा ए हिन्द के महासचिव महमूद मदनी ने हाल ही गुजरात के मुसलमानों में बदलाव की बात कही थी। इसके बाद तमाम लोगों ने बयान के अनेक मतलब निकाले और राजनीति गर्मा गई। मंगलवार को मदनी ने एनडीटीवी के कार्यक्रम में आकर साफ कहा कि गुजरात में स्थिति बदली है लेकिन बेहतर नहीं है। उन्होने कहा कि मैंने कभी भी नरेंद्र मोदी की तारीफ नहीं की। उनका कहना है कि मेरी बात को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है।
गुजरात दंगों के बाद तमाम संस्थानों, लोगों ने मोदी का विरोध किया, मैं उनमें से एक था। मदनी ने एक बार फिर गुजरात के विकास की बात कही, लेकिन उन्होंने कहा कि विकास हो मगर न्याय न हो तो सब बेकार है। ऐसे में विकास दूसरे-तीसरे दर्जे की बात हो जाता है।
मदनी ने कहा कि गुजरात से ज्यादा महाराष्ट्र में मुसलमानों की स्थिति खराब है। उनका कहना है कि महाराष्ट्र की जेलों में गुजरात से ज्यादा निर्दोष मुसलमान कैदी हैं। उन्होंने कहा कि मुसलमानों की सोच में बदलाव आ रहा है। उनका कहना है कि इस पूरे बयान को दंगों के परिप्रेक्ष्य से न देखा जाए।
उन्होंने कहा कि गुजरात के मुसलमानों के पास ज्यादा विकल्प नहीं है। आखिर वह किनका साथ दें। अन्य दल भी दूध के धुले नहीं हैं।
गुजरात दंगों के बाद तमाम संस्थानों, लोगों ने मोदी का विरोध किया, मैं उनमें से एक था। मदनी ने एक बार फिर गुजरात के विकास की बात कही, लेकिन उन्होंने कहा कि विकास हो मगर न्याय न हो तो सब बेकार है। ऐसे में विकास दूसरे-तीसरे दर्जे की बात हो जाता है।
मदनी ने कहा कि गुजरात से ज्यादा महाराष्ट्र में मुसलमानों की स्थिति खराब है। उनका कहना है कि महाराष्ट्र की जेलों में गुजरात से ज्यादा निर्दोष मुसलमान कैदी हैं। उन्होंने कहा कि मुसलमानों की सोच में बदलाव आ रहा है। उनका कहना है कि इस पूरे बयान को दंगों के परिप्रेक्ष्य से न देखा जाए।
उन्होंने कहा कि गुजरात के मुसलमानों के पास ज्यादा विकल्प नहीं है। आखिर वह किनका साथ दें। अन्य दल भी दूध के धुले नहीं हैं।
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