जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर पाकिस्तान को एक बार फिर नाकामी हाथ लगी. पाकिस्तान का समर्थन करते हुए चीन ने कश्मीर मसले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में अन्य देशों का समर्थन पाने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं बनी. चीन की इस नाकाम कोशिश पर अन्य देशों ने कहा कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मुद्दा है. इस पर भारत का बयान आया है. भारत ने पाकिस्तान के कदम को 'शर्मनाक' बताया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने चीन द्वारा UNSC में बंद दरवाज़े के पीछे कश्मीर पर अनौपचारिक चर्चा किए जाने पर कहा, 'इस मंच का दुरुपयोग करने की यह कोशिश पाकिस्तान द्वारा एक UNSC सदस्य के ज़रिये की गई थी. UNSC का बहुत बड़ा हिस्सा इस विचार का था कि इस तरह के मुद्दों पर चर्चा के लिए UNSC शही मंच नहीं है, और इन पर द्विपक्षीय चर्चा होनी चाहिए. बंद दरवाज़े के पीछे हुई अनौपचारिक चर्चा बिना किसी नतीजे के खत्म हुई.
Raveesh Kumar, MEA: The informal closed door meeting concluded without any outcome. Pakistam's desperate measures to peddle baseless allegation, and present and alarming scenario, it lacked any credibility. https://t.co/J1nlvJwUSp
— ANI (@ANI) January 16, 2020
रवीश कुमार ने कहा कि आधारहीन आरोप लगाने और खतरनाक स्थिति पेश करने की पाकिस्तान की बेचैन कोशिशों में विश्वसनीयता नहीं थी. हमें उम्मीद है कि पाकिस्तान तक स्पष्ट संदेश पहुंच गया होगा कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच कोई मसला है, जिस पर चर्चा होनी है, तो वह द्विपक्षीय होनी चाहिए. पाकिस्तान के पास अब भी मौका है कि वह इस वैश्विक शर्मिन्दगी से बचने के लिए इस तरह की हरकतें फिर न करे..."
रवीश कुमार ने कहा कि चीन से सवाल पूछना चाहिए कि आखिर वह पाकिस्तान की तरफ से कश्मीर का मुद्दा क्यों उठा रहा है? चीन को यह भी ध्यान में रखना चाहिए कि कश्मीर के मुद्दे को यूएनएससी में जो मुद्दा न उठाने की बात तय हुई है उसे मानना चाहिए. पाकिस्तान को एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र में असफलता हाथ लगी है. कश्मीर मुद्दे के लिए यूएनएससी सही मंच नहीं है. उन्होंने कहा कि चीन को इस बार की घटना से सबक लेने की जरूरत है. यह एक वैश्विक सहमति का मामला है, विश्व के देशों ने साथ बैठकर तय किया है कि इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र में नहीं लेकर जाना है.
बता दें कि 15 जनवरी को न्यूयॉर्क में बंद कमरे में हुई UNSC की बैठक में एक बार फिर कश्मीर का मामला उठाने की कोशिश की, लेकिन उसकी यह कोशिश नाकाम हो गई. परिषद के अन्य सभी सदस्य देशों ने इसका विरोध किया. UNSC के सदस्य देशों ने कहा कि इस मुद्दे पर बहस के लिए यह सही जगह नहीं है. यह भारत और पाकिस्तान का द्विपक्षीय मुद्दा है.
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