प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर (फाइल फोटो)
नई दिल्ली:
प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने कहा कि इन दिनों उच्चतर न्यायपालिका में नियुक्ति को लेकर उम्मीदवार की कहीं ज्यादा कड़ी जांच की जाती है, और राजनीतिक सक्रियता के लिए जाने जाने वाले दिवंगत वीआर कृष्ण अय्यर जैसे न्यायाधीश के लिए उच्चतम न्यायालय में पदोन्नत होना ‘अकल्पनीय’ होता.
उन्होंने न्यायमूर्ति अय्यर की स्मृति में यहां पहले व्याख्यान श्रृंखला में अपने भाषण में कहा, ‘‘एक नेता का न्यायाधीश बनना और वह भी उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश बनना मौजूदा संदर्भ में अकल्पनीय है. वह भी एक ऐसा न्यायाधीश जिसके खिलाफ दस आपराधिक मामलों में मुकदमा चलाया गया था. ऐसा न्यायाधीश जिसे 30 दिनों की कैद की सजा मिली थी.’’
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘एक ऐसा न्यायाधीश जो एक राजनीतिक कार्यकर्ता है, एक आंदोलनकारी है, उसका उम्मीदवार बनना एवं न्यायाधीश बनना वर्तमान में संभव नहीं है.’’ उन्होंने खुद को न्यायाधीश अय्यर का बहुत बड़ा प्रशंसक बताते हुए कहा कि आज के समय में अगर हमारे यहां अय्यर जैसा उम्मीदवार होता तो कॉलेजियम उनकी सिफारिश करने में संकोच करता.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
उन्होंने न्यायमूर्ति अय्यर की स्मृति में यहां पहले व्याख्यान श्रृंखला में अपने भाषण में कहा, ‘‘एक नेता का न्यायाधीश बनना और वह भी उच्चतम न्यायालय का न्यायाधीश बनना मौजूदा संदर्भ में अकल्पनीय है. वह भी एक ऐसा न्यायाधीश जिसके खिलाफ दस आपराधिक मामलों में मुकदमा चलाया गया था. ऐसा न्यायाधीश जिसे 30 दिनों की कैद की सजा मिली थी.’’
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘एक ऐसा न्यायाधीश जो एक राजनीतिक कार्यकर्ता है, एक आंदोलनकारी है, उसका उम्मीदवार बनना एवं न्यायाधीश बनना वर्तमान में संभव नहीं है.’’ उन्होंने खुद को न्यायाधीश अय्यर का बहुत बड़ा प्रशंसक बताते हुए कहा कि आज के समय में अगर हमारे यहां अय्यर जैसा उम्मीदवार होता तो कॉलेजियम उनकी सिफारिश करने में संकोच करता.
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