बिहार के मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने केंद्र पर बिहार के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए बुधवार को चेतावनी दी कि नरेंद्र मोदी सरकार में शामिल इस प्रदेश के सात मंत्रियों को वे बिहार में प्रवेश नहीं करने देंगे।
विश्व शौचालय दिवस पर आज आयोजित एक कार्यक्रम में मांझी ने केंद्र पर बिहार के हितों की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए नरेंद्र मोदी सरकार में शामिल प्रदेश के सात मंत्रियों को चेतावनी दी है कि इस राज्य के लिए अपेक्षा के अनुसार मदद नहीं मिली तो वे (मांझी) उन्हें बिहार में प्रवेश नहीं करने देंगे।
नरेंद्र मोदी सरकार में बिहार से राधामोहन सिंह, रविशंकर प्रसाद और रामविलास पासवान कैबिनेट मंत्री और राजीव प्रताप रूडी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), उपेंद्र कुशवाहा, रामकृपाल यादव और गिरीराज सिंह राज्यमंत्री हैं।
मांझी ने इस अवसर पर अपने भाषण में इन सातों मंत्रियों को 'सतभईया' (सात भाई) के रूप में इंगित करते हुए उनसे बिहार के हित की रक्षा करने की अपील की तथा कहा कि अगर वे इसमें विफल रहे तो उन्हें इस प्रदेश में प्रवेश करने नहीं दिया जाएगा।
महादलित समुदाय से आने वाले मांझी ने हंसते हुए कहा 'हम लोग तो बचपन से ही ठोकर खाते आए हैं..ठोकर खाते खाते मुख्यमंत्री हो गए, इसी ठोकर में प्रधानमंत्री न हो जाएं।'
मांझी पूर्व में कई अवसरों पर इंदिरा आवास योजना, मनरेगा और अन्य योजनाओं में करीब 6000 करोड़ रुपये की कटौती किए जाने को लेकर केंद्र पर बिहार की अनदेखी करने का आरोप लगा चुके हैं।
वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लोकसभा चुनाव के समय बिहार को विशेष राज्य का दर्जा और विशेष आर्थिक पैकेज देने के अपने वादे से मुकर जाने का आरोप भी लगा चुके हैं।
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