नई दिल्ली:
उत्तर भारत में अनियमित बारिश का दौर जारी है। शनिवार को भारी बारिश के कारण उत्तराखंड में जहां छह लोगों की मौत हो गई वहीं जम्मू एवं कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन के कारण राजमार्ग क्षतिग्रस्त हो गया। नेपाल द्वारा छोड़े गए पानी के कारण उत्तर प्रदेश के छह जिलों में भयंकर बाढ़ आ गई।
उधर, दिल्ली, बिहार एवं उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में सूखे का दौर जारी है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एकबार फिर बादलों ने धोखा दिया। राजधानी में न्यूनतम तापमान औसत से एक डिग्री ऊपर 27.5 डिग्री सेल्सियस था जबकि अधिकतम तापमान 34.3 डिग्री दर्ज किया गया।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने बताया, "रविवार को आसमान में बादल रहेंगे और शहर के कुछ भागों में बारिश हो सकती है। रविवार को अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 34 एवं 27 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है।"
उत्तर प्रदेश में पिछले दो दिनों से रुक-रुककर हो रही बारिश से लोगों को गर्मी और उमस से राहत मिली।
उत्तर प्रदेश मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि अगले 48 घंटों के दौरान सूबे में बादल छाए रहेंगे और कुछ इलाकों में बारिश होने की सम्भावना है। उन्होंने बताया कि पश्चिमी उप्र, पूर्वी उप्र में अभी भी औसत से कम बारिश हुई है लेकिन आगे और बारिश होने से इसकी कमी दूर होने की उम्मीद है।
उधर, नेपाल से छोड़े गए पानी के कारण घाघरा नदी ने आधा दर्जन जिलों में तबाही मचानी शुरू कर दी है। नदी का पानी सैंकड़ों गांवों में घुसने से बड़ी संख्या में लोग पलायन कर रहे हैं। खतरे को देखते हुए प्रशासन की तरफ से अलर्ट जारी कर दिया गया।
बहराइच, गोंडा, बाराबंकी, सीतापुर, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत जिलों के सैंकड़ों गावों में बाढ़ का पानी घुस गया।
शनिवार को राजधानी लखनऊ का अधिकतम तापमान 31.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
उत्तराखण्ड में भारी बारिश से कम से कम छह लोगों की मौत हो गई है। लगातार जारी बारिश, बाढ़ व भूस्खलन के कारण वार्षिक चार धाम यात्रा रोकनी पड़ी जिससे हजारों तीर्थयात्री फंस गए।
अधिकारियों ने बताया कि तीर्थयात्री गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ व केदारनाध धाम के रास्ते में फंसे हुए हैं।
सरकार ने पुष्टि की है कि वार्षिक चार धाम यात्रा पर अस्थायी तौर पर रोक लगा दी गई है। शुक्रवार रात से जारी बारिश में तीन दमकल कर्मियों व तीन बच्चों सहित छह लोगों की मौत हो गई।
अधिकारियों ने बताया कि अगले दो दिन तक और भारी बारिश होने की चेतावनी के बीच आपदा प्रबंधन व शमन केंद्र के लिए हाईअलर्ट जारी कर दिया गया। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
कश्मीर के रामबन सेक्टर में हुए भूस्खलन के कारण शनिवार को श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "भारी बारिश के कारण शनिवार सुबह रामबन सेक्टर में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर कई जगह भूस्खलन हुआ।"
अधिकारी ने कहा, "300 किलोमीटर लम्बे इस मार्ग पर यात्रियों और वाहनों की सुरक्षा के लिए वाहनों का आवागमन रोक दिया गया है। मार्ग को साफ करने की कोशिशें जारी हैं।"
हिमाचल प्रदेश में मनाली के नजदीक बादल फटने से हुए भारी भूस्खलन के बाद मनाली-रोहतांग दर्रा राजमार्ग पर हजारों वाहन फंस गए। एक अधिकारी ने बताया कि बादल फटने से किसी के मारे जाने की खबर नहीं है।
उपायुक्त अमिताभ अवस्थी ने फोन पर बताया, "राजमार्ग कई स्थानों पर बंद है। उसे दोबारा खोलने की दिशा में काम जारी है। शुक्रवार को मनाली से 25 किलोमीटर दूर धुंडी के नजदीक रोहतांग सुरंग में बादल फटने से पालचान और धुंडी गांवों के नजदीक दो पुलों को नुकसान पहुंचा।"
अवस्थी ने बताया कि 150 से ज्यादा वाहन हाईवे पर फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा, "सभी यात्री सुरक्षित हैं।"
बचाव कर्मियों ने बताया कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के 80 से ज्यादा शिविर बह गए। रोहतांग सुरंग के निर्माण कार्य में लगी बीआरओ मशीनरी को भी नुकसान पहुंचा है।
उधर, दिल्ली, बिहार एवं उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में सूखे का दौर जारी है।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एकबार फिर बादलों ने धोखा दिया। राजधानी में न्यूनतम तापमान औसत से एक डिग्री ऊपर 27.5 डिग्री सेल्सियस था जबकि अधिकतम तापमान 34.3 डिग्री दर्ज किया गया।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक अधिकारी ने बताया, "रविवार को आसमान में बादल रहेंगे और शहर के कुछ भागों में बारिश हो सकती है। रविवार को अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 34 एवं 27 डिग्री सेल्सियस रहने का अनुमान है।"
उत्तर प्रदेश में पिछले दो दिनों से रुक-रुककर हो रही बारिश से लोगों को गर्मी और उमस से राहत मिली।
उत्तर प्रदेश मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि अगले 48 घंटों के दौरान सूबे में बादल छाए रहेंगे और कुछ इलाकों में बारिश होने की सम्भावना है। उन्होंने बताया कि पश्चिमी उप्र, पूर्वी उप्र में अभी भी औसत से कम बारिश हुई है लेकिन आगे और बारिश होने से इसकी कमी दूर होने की उम्मीद है।
उधर, नेपाल से छोड़े गए पानी के कारण घाघरा नदी ने आधा दर्जन जिलों में तबाही मचानी शुरू कर दी है। नदी का पानी सैंकड़ों गांवों में घुसने से बड़ी संख्या में लोग पलायन कर रहे हैं। खतरे को देखते हुए प्रशासन की तरफ से अलर्ट जारी कर दिया गया।
बहराइच, गोंडा, बाराबंकी, सीतापुर, लखीमपुर खीरी और पीलीभीत जिलों के सैंकड़ों गावों में बाढ़ का पानी घुस गया।
शनिवार को राजधानी लखनऊ का अधिकतम तापमान 31.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
उत्तराखण्ड में भारी बारिश से कम से कम छह लोगों की मौत हो गई है। लगातार जारी बारिश, बाढ़ व भूस्खलन के कारण वार्षिक चार धाम यात्रा रोकनी पड़ी जिससे हजारों तीर्थयात्री फंस गए।
अधिकारियों ने बताया कि तीर्थयात्री गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ व केदारनाध धाम के रास्ते में फंसे हुए हैं।
सरकार ने पुष्टि की है कि वार्षिक चार धाम यात्रा पर अस्थायी तौर पर रोक लगा दी गई है। शुक्रवार रात से जारी बारिश में तीन दमकल कर्मियों व तीन बच्चों सहित छह लोगों की मौत हो गई।
अधिकारियों ने बताया कि अगले दो दिन तक और भारी बारिश होने की चेतावनी के बीच आपदा प्रबंधन व शमन केंद्र के लिए हाईअलर्ट जारी कर दिया गया। मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
कश्मीर के रामबन सेक्टर में हुए भूस्खलन के कारण शनिवार को श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही रोक दी गई।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, "भारी बारिश के कारण शनिवार सुबह रामबन सेक्टर में श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग पर कई जगह भूस्खलन हुआ।"
अधिकारी ने कहा, "300 किलोमीटर लम्बे इस मार्ग पर यात्रियों और वाहनों की सुरक्षा के लिए वाहनों का आवागमन रोक दिया गया है। मार्ग को साफ करने की कोशिशें जारी हैं।"
हिमाचल प्रदेश में मनाली के नजदीक बादल फटने से हुए भारी भूस्खलन के बाद मनाली-रोहतांग दर्रा राजमार्ग पर हजारों वाहन फंस गए। एक अधिकारी ने बताया कि बादल फटने से किसी के मारे जाने की खबर नहीं है।
उपायुक्त अमिताभ अवस्थी ने फोन पर बताया, "राजमार्ग कई स्थानों पर बंद है। उसे दोबारा खोलने की दिशा में काम जारी है। शुक्रवार को मनाली से 25 किलोमीटर दूर धुंडी के नजदीक रोहतांग सुरंग में बादल फटने से पालचान और धुंडी गांवों के नजदीक दो पुलों को नुकसान पहुंचा।"
अवस्थी ने बताया कि 150 से ज्यादा वाहन हाईवे पर फंसे हुए हैं। उन्होंने कहा, "सभी यात्री सुरक्षित हैं।"
बचाव कर्मियों ने बताया कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के 80 से ज्यादा शिविर बह गए। रोहतांग सुरंग के निर्माण कार्य में लगी बीआरओ मशीनरी को भी नुकसान पहुंचा है।
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