नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में दिल्ली के जामिया में हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस ने दर्ज की एफआईआर में जामिया के तीन छात्रों का नाम दर्ज किया गया है. रविवार को हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने दस लोगों को गिरफ्तार किया है. प्रदर्शन के हिंसक होने के बाद देश की कई यूनिवर्सिटी में छात्र प्रदर्शन पर उतर आए. गिरफ्तार किए गए सभी लोग अभी न्यायिक हिरासत में हैं. गिरफ्तार किए गए लोगों में जामिया का एक भी छात्र शामिल नहीं है.
एनडीटीवी के पास मौजूद एफआईआर की कॉपी में आम आदमी पार्टी की स्टूडेंट विंग सीवाईएसएस के सदस्य कासिम उस्मानी, ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन के सदस्य चंदन कुमार और स्टूडेंट इस्लामिक ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिाया के सदस्य आसिफ तन्हा का नाम लिखा हुआ है. ये तीनों जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र हैं. इनके अलावा कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ खान का नाम भी एफआईआर में दर्ज है. वहीं, तीन अन्य स्थानीय नेता आशु खान, मुस्तफा और हैदर का भी नाम लिखा गया है.
वहीं, जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कुलपति नजमा अख्तर ने परिसर में पुलिस कार्रवाई के घटनाक्रमों के बारे में विस्तार से बताते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय को एक रिपोर्ट भेजी है. सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि उच्च स्तरीय जांच का आदेश देने के लिए कोई आधिकारिक अनुरोध नहीं मिला है. जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कुलपति ने एचआरडी मंत्रालय को बताया कि विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद ने जामिया के पुस्तकालय में छात्रों पर पुलिस कार्रवाई की उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग करते हुए सोमवार को एक प्रस्ताव पारित किया.
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एक सूत्र ने कहा, ‘जांच के बारे में अभी तक कोई औपचारिक अनुरोध नहीं मिला है.' सूत्रों के अनुसार, जामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के साथ अन्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने एक कार्यक्रम में एचआरडी मंत्रालय के अधिकारियों से बातचीत की और बताया कि हॉस्टल में रह रहे अधिकतर छात्र घर चले गए हैं क्योंकि अवकाश की घोषणा कर दी गई है. उन्होंने बताया कि जनवरी में विश्वविद्यालयों के फिर से खुलने पर लंबित परीक्षा के नये कार्यक्रम की घोषणा की जाएगी.
गौरतलब है कि पुलिस रविवार को जामिया और एएमयू के परिसरों में घुसी और संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ छात्रों के प्रदर्शन को काबू में करने के लिए बल का प्रयोग किया. सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जामिया और एएमयू को छोड़कर 42 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में हालात शांतिपूर्ण हैं और परीक्षाएं निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आयोजित की जा रही हैं. अधिकारियों ने बताया कि देश में 42 केंद्रीय विश्वविद्यालय हैं और केवल कुछ में शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुए.
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