भारतीय जनता पार्टी ने सोमवार को कोलकता की गलियों में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में रैली निकाली थी. इसी बीच कुछ घंटों बाद पश्चिम बंगाल में भाजपा के नेता चंद्र कुमार बोस ने ट्वीट करते हुए इस कानून पर सवाल उठाए हैं. नेताजी सुभाष चंद्र बोस के पोते चंद्र कुमार बोस ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जो कभी धर्मों और समुदायों के लिए खुला है. बोस ने ट्वीट किया, 'अगर नागरिकता संशोधन कानून किसी धर्म से जुड़ा नहीं है तो इसमें केवल हिंदू, सिख, बुद्ध, ईसाई, पारसी और जैन ही क्यों शामिल हैं. उनकी तरह मुस्लिमों को भी इसमें शामिल क्यों नहीं किया गया. इसे पारदर्शी होना चाहिए.'
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा है, 'भारत की किसी से अन्य देश से बराबरी या तुलना मत कीजिए, क्योंकि यह सभी धर्मों और समुदायों के खुला हुआ देश है.' भाजपा में से इस कानून के खिलाफ स्वर तब सामने आए हैं, जब भाजपा सोशल मीडिया पर बड़े स्तर पर इस कानून को लेकर जागरुकता अभियान चला रही है.
Don't equate India or compare it with any other nation- as it's a nation Open to all religions and communities
— Chandra Kumar Bose (@Chandrabosebjp) December 23, 2019
If #CAA2019 is not related to any religion why are we stating - Hindu,Sikh,Boudha, Christians, Parsis & Jains only! Why not include #Muslims as well? Let's be transparent
— Chandra Kumar Bose (@Chandrabosebjp) December 23, 2019
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बता दें, कोलकाता में इस कानून के समर्थन में निकाली गई रैली में भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सोमवार को आरोप लगाया कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर तृणमूल कांग्रेस लोगों को गुमराह कर रही है. उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हमेशा ही राष्ट्रीय हितों के ऊपर राजनीति को प्राथमिकता दी है. नड्डा नए नागरिकता कानून पर मोदी सरकार को ‘‘धन्यवाद'' देने के लिये यहां आयोजित एक रैली को संबोधित कर रहे थे, उन्होंने हालांकि राष्ट्रव्यापी एनआरसी के मुद्दे से किनारा किया जबकि कुछ दिनों पहले वह इसकी वकालत कर रहे थे.
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उन्होंने कहा कि यह संशोधित कानून नागरिकता प्रदान करता है, यह इसे छीनता नहीं है जैसा कि लोगों के एक समूह ने दावा किया है. उन्होंने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ममता बनर्जी ने हमेशा ही राष्ट्रीय हितों के ऊपर अपनी राजनीति को प्राथमिकता दी है. तृणमूल कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल संशोधित कानून पर लोगों को गुमराह कर रहे हैं. ‘वे राष्ट्रहित के बजाए सिर्फ (अपने) वोट बैंक को सुरक्षित करने के लिए परेशान हैं. उन्हें उन शरणार्थियों के दर्द और परेशानी की चिंता नहीं है जो अपनी जिंदगी और सम्मान बचाने के लिये इस देश में आ रहे हैं.'नड्डा ने राज्य में नागरिकता कानून को लेकर हुई हिंसा पर “कार्रवाई न करने” के लिये बनर्जी पर निशाना साधा.
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संशोधित कानून के समर्थन में पश्चिम बंगाल भाजपा प्रमुख दिलीप घोष और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय सहित भगवा पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ नड्डा ने इससे पहले दिन में एक मार्च निकाला. भाजपा के वरिष्ठ नेता ने दावा किया, ‘‘हमारे देश में मुस्लिम फूले-फले हैं, लेकिन पाकिस्तान में हिंदुओं को प्रताड़ना का सामना करना पड़ा.'
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विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए नड्डा ने कहा कि मनमोहन सिंह ने 2003 में तत्कालीन गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी से अपील की थी कि बांग्लादेश और पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों को देश में शरण लेने की इजाजत दी जाए. “लेकिन अब जब सरकार ने यही चीज करने के लिये एक कानून पारित कर दिया तो वे इसका विरोध कर रहे हैं.” संशोधित कानून के मुताबिक पाकिस्तान उन देशों में शामिल है, जहां से आए गैर मुस्लिमों को मानक पूरे करने पर भारतीय नागरिकता प्रदान की जाएगी.
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