वाशिंगटन में 18 दिसंबर 2019 को अमेरिका-भारत टू प्लस टू मंत्री स्तरीय वार्ता के लिए अमेरिका पहुंचे सिंह ने एशिया सोसायटी नामक शिक्षण संस्थान में भारत के महावाणिज्य दूतावास द्वारा आयोजित एक समारोह के दौरान भारतीय समुदाय के सदस्यों को संबोधित किया. सिंह ने कहा, ‘‘नागरिकता (संशोधन) विधेयक, जो अब कानून बन गया है, मुस्लिम विरोधी नहीं है.'' उन्होंने कहा कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक यातनाओं की वजह से यहां आने वाले वहां के अल्पसंख्यक हिंदू, सिख, ईसाई, पारसी, बौद्ध तथा जैन समुदायों को नागरिकता देने के उद्देश्य से विधेयक लाया गया.
यह भी पढ़ें- कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में राष्ट्रपति से मिले विपक्ष के नेता, CAA को वापस लेने की मांग
रक्षा मंत्री ने कहा कि सीएए में मुस्लिमों को शामिल नहीं किया गया क्योंकि ये तीनों देश ‘धर्म आधारित' तथा ‘इस्लामिक' देश हैं और किसी इस्लामिक देश में कम से कम इस्लाम धर्म का पालन करने वालों को धार्मिक उत्पीड़न का सामना नहीं करना पड़ता. हो सकता है कि उन्हें कुछ अन्य प्रताड़नाएं सहनी पड़ती हों लेकिन धार्मिक यातना नहीं क्योंकि देश का धर्म इस्लाम है. सिंह ने कहा, ‘‘इसलिए हमने इसमें मुस्लिमों को नहीं लिया.अन्यथा हम जाति, वर्ग या धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करते. हमारी संस्कृति हमें नफरत नहीं सिखाती.'' उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि भारत में रहने वाला हर मुस्लिम मेरा भाई, मेरे परिवार का सदस्य है.''
यह भी पढ़ें- ममता बनर्जी का PM मोदी पर निशाना: देश जल रहा है और वे कपड़ों की बात कर रहे हैं
सीएए को लेकर असम और पश्चिम बंगाल में विरोध प्रदर्शनों के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘‘हालात नियंत्रण में हैं. कोई भी संशय दूर किया जाएगा.'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि सीएबी मुस्लिम विरोधी नहीं है. अगर कोई मुझे बता दे कि यह विधेयक मुस्लिम विरोधी है तो हम इस बारे में पुनर्विचार करेंगे, लेकिन ऐसे में नहीं कि जब कोई इस मुद्दे पर केवल माहौल बनाने की कोशिश करे. यह नहीं चलेगा.''
देखें वीडियोः देश जल रहा है और पीएम मोदी कपड़ों की बात कर रहे हैं: ममता बनर्जी
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं