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This Article is From Jan 18, 2021

Citizen COP App: पुलिस और जनता की दूरी होगी कम, गृह मंत्रालय ने सभी जिलों को 'सिटिज़न कॉप ऐप' इस्तेमाल करने की दी सलाह

देशभर के सभी राज्यों में सिटिज़न कॉप ऐप (Citizen COP App) लागू करने की तैयारी की जा रही है. मध्य प्रदेश में लंबे समय से इस ऐप का इस्तेमाल किया जा रहा है.

Citizen COP App: पुलिस और जनता की दूरी होगी कम, गृह मंत्रालय ने सभी जिलों को 'सिटिज़न कॉप ऐप' इस्तेमाल करने की दी सलाह
देशभर के सभी राज्यों में सिटीज़न कॉप ऐप को लागू करने की तैयारी की जा रही है.
नई दिल्ली:

देशभर के सभी राज्यों में सिटिज़न कॉप ऐप (Citizen COP App) लागू करने की तैयारी की जा रही है. दरअसल, मध्य प्रदेश में लंबे समय से इस ऐप का इस्तेमाल किया जा रहा है,  जिसकी उपयोगिता को देखते हुए अब इसे देश के अन्य राज्यों में भी लागू करने की योजना बनाई जा रही है.

केंद्रीय गृह मंत्रालय के पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो ने सभी जिलों के पुलिस अधिकारियों को ऐप का उपयोग करने से संबंधी सलाह देते हुए पत्र लिखा है. पत्र में ऐप की जानकारी देते हुए बताया गया है कि ये ऐप पुलिस के साथ जनता को सीधे-तौर पर जोड़ता है. इसलिए इस ऐप को बढ़ावा देना चाहिए. वहीं, इसे लागू कराने के लिए किसी तरह के फंड की जरूरत भी नहीं पड़ती है.

गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध ऐप

सिटिजन कॉप ऐप गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है. ये ऐप पहले ही बड़ी तादाद में डाउनलोड किया जा चुका है. जानकारी के मुताबिक, महाराष्ट्र में जल्द ही इस ऐप के उपयोग की तैयारी है.

कैसे काम करेगा सिटिजन कॉप ऐप

- इस ऐप की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसके माध्यम से लोग किसी भी समय पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों से संपर्क कर सकेंगे.

- इस ऐप की दूसरी बड़ी खासियत यह है कि अगर कोई शख्स पुलिस को कोई जानकारी देना चाहता है, लेकिन उसे अपनी पहचान सामले आने का डर रहता है, तो वो अपनी पहचान सामने आए बिना ही पुलिस को सूचना दे सकेगा.

- इस ऐप में मौजूद जीपीएस की मदद से महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों की लोकेशन का पता करके उनकी सुरक्षा की जा सकती है.

- इस ऐप में ट्रैफिक आइक्यू, ट्रैक माई लोकेशन, व्हीकल सर्च, रिपोर्ट लुकअप जैसे कई अन्य फीचर्स भी शामिल हैं.

यानी यह ऐप एक ओर जहां आम लोगों की सुरक्षा करने में कारगर साबित हो सकता है, वहीं इस ऐप के माध्यम से आप अपने आसपास किसी गलत काम के खिलाफ घर बैठे ही बिना नाम उजागर किए सूचना देकर एक ज़िम्मेदार नागरिक का फर्ज़ भी अदा कर सकेंगे. अब इंतज़ार ये है कि इंदौर में कई सालों से इस्तेमाल किया जा रहा ये ऐप देश के अन्य राज्यों व शहरों में कब तक उपयोग के लिए  तैयार किया जाता है.

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