नई दिल्ली:
देश के पहले मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्लाह ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिख कर सीबीआई को सूचना के अधिकार कानून (आरटीआई) के दायरे से अलग रखने की सिफारिश का कड़ा विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध देश में इन दिनों व्याप्त रूख को देखते हुए ऐसा किए जाने का प्रतिकूल असर पड़ेगा। इन दिनों राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष के रूप में काम कर रहे हबीबुल्लाह ने पत्र में कहा कि सीबीआई सुरक्षा संबंधी कार्य नहीं करती, इसलिए यह यह ऐसे संगठनों की सूची में नहीं आता है जिन्हें आरटीआई के समक्ष सूचनाएं मुहैया करने से छूट दी गई है। सिंह को लिखे पत्र में उन्होंने कहा, भ्रष्टाचार के खिलाफ देश में व्याप्त जनता के रूख को देखते हुए सीबीआई को इस मामले में छूट देने का प्रतिकूल असर ही पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सीबीआई सरकार और सार्वजनिक उद्यमों के अधिकारियों से संबंधित भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कर रही है। इसलिए उसे आरटीआई कानून के तहत सूचनाएं उपलब्ध कराए जाने से छूट नहीं दी जा सकती है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) आदि को भी इस तरह की छूट दिया जाना ठीक नहीं होगा। सचिवों की समिति द्वारा सीबीआई को आरटीआई कानून के दायरे से बाहर रखने की सिफारिश किए जाने के फौरन बाद हबीबुल्लाह ने प्रधानमंत्री को तीन पृष्ठ का पत्र लिख कर इसके प्रति अपना विरोध जताया है।
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