भारत-चीन सीमा पर चीन की तरफ से दूसरी बार बढ़े झड़प की ख़बरों के बीच चीनी विदेश मंत्रालय ने दावा किया है कि चीन ने कभी भी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) को क्रॉस नहीं किया. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाव लीजियान ने कहा कि भू-क्षेत्र को लेकर दोनों देशों के बीच बातचीत जारी है.
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दरअसल, चीन लगातार दावा करता रहा है कि उसने एलओसी क्रॉस नहीं किया है, लेकिन ये भी ये सच्चाई है कि वह एलएसी का अलायमेंट ज़मीन के उस हिस्से पर बताता है जो भारतीय क्षेत्र में आता है. एलएसी की समझ में अंतर होने के कारण यह विवादित क्षेत्र रहा है. पैंगॉग त्सो इलाके में बारत फिंगर 8 तक पेट्रोल करता रहा है, क्योंकि भारत के मुताबिक एलएसी वहां से गुजरता है. जबकि चीन फिंगर 4 तक पेट्रोल करता रहा है. दोनों के बीच क़रीब 4 से 6 किलोमीटर का अंतर है.
मई में चीन ने यथास्थिति को बदलने की कोशिश करते हुए फिंगर 4 तक घुस आया. इसके बाद से ही भारत और चीन के बीच लगातार तनाव बना हुआ है. चीनी सेना के साथ 17 जून को हुई झड़प में 20 भारतीय सैनिको की शहादत भी हुई.
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चीन की तरफ से एक बार फिर यथास्थिति बदलने की कोशिश हुई है. भारतीय सेना की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि 29-30 अगस्त की रात को चीनी सेना ने पिछली सहमतियों को धत्ता बताते हुए सैन्य गतिविधि के ज़रिए यथास्थिति बदलने के कोशिश की. पैंगोंग त्सो के दक्षिणी तट पर चीन की तरफ से की गई इस कोशिश को चौकस भारतीय सेना ने विफल कर दिया.
दरअसल, चीन के ताजा दावे में पेंच यह है कि वह जिसे एलएसी मानता है वह उसके पार नहीं आने की बात करता है. लेकिन भारत की समझ वाले एलएसी को मई में पार कर और सैन्य तैनाती कर उनसे यथास्थिति को बदलने की कोशिश की है. भारत और चीन के बीच सैन्य और राजनयिकों के स्तर पर लगातार बातचीत जारी है लेकिन चीन अपनी जिद से पीछे हटने को तैयार नहीं है.
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भारत सरकार की तरफ से बयान जारी करके साफ कर दिया था कि भारत जितना तैयार शांति से मामले को सुलझाने के लिए है, उतनी ही तैयारी किसी भी साजिश का मुंह तोड़ जवाब देने के लिए भी है. प्रेस इन्फॉरमेशन ब्यूरो ने बयान जारी कर कहा, "पूर्वी लद्दाख में बनी स्थिति के दौरान जारी सैन्य तथा राजनयिक वार्ताओं में सहमति के आधार पर बनी स्थिति का 29 और 30 अगस्त, 2020 की रात को PLA के सैनिकों ने उल्लंघन किया, और यथास्थिति को बदलने के लिए उकसाऊ सैन्य गतिविधियां कीं.''
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