केंद्र की मोदी सरकार की ओर से देश के कई क्षेत्रों से चीनी कंपनियों पर लगाए जा रहे प्रतिबंध के बाद चीन से आने वाले निवेश के घटने को लेकर सवाल उठे हैं, जिसके जवाब में सरकार ने पिछले 20 सालों के प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (Foreign Direct Investment) के आंकड़े जारी किए हैं. वाणिज्य मंत्रालय की ओर से जारी किए गए इन आंकड़ों के मुताबिक, चीन भारत में निवेश करने वाले टॉप के 10 देशों में भी शामिल नहीं है, ऐसे में माना जा रहा है कि उसे चीनी कंपनियों पर प्रतिबंध के चलते विदेशी निवेश में बहुत नुकसान होने का डर नहीं है.
सूत्रों के मुताबिक, मंत्रालय ने यह आंकड़े जारी करके पूछा है कि जब चीन का निवेश इतना कम है तो इससे क्या साफ होता है कि किसे भारत में निवेश की पड़ी है और किसे चीनी निवेश की फिक्र नहीं है?
जानकारी है कि वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि चीन का कुल निवेश भारत के कुल प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का महज 0.5 प्रतिशत है. चीन भारत के टॉप के 10 FDI सोर्स वाले देशों में भी शामिल नहीं है. निवेश के लिहाज से देखें तो चीन 18वें नंबर पर आता है. मंत्रालय ने बताया है कि 20 अप्रैल से ही भारत सरकार ने भारत में चीनी निवेश के रास्तों पर सख्ती कर दी थी, जिसके बाद वो सरकार की अनुमति के बगैर भारत में एक युआन भी निवेश नहीं कर सकते. तो ऐसे में क्या पता चलता है कि निवेश को लेकर कौन परेशान है?
मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों पर नजर डालें तो भारत में सबसे ज्यादा विदेशी निवेश इन पांच देशों- मॉरिशस, सिंगापुर, नेदरलैंड, जापान और अमेरिका से आता है. मॉरिशस से सबसे ज्यादा 30 फीसदी निवेश आता है. इस लिस्ट में चीन 0.51 फीसदी के साथ 18वें नंबर पर है.
बता दें कि आत्मनिर्भर भारत अभियान को बढ़ावा देने और चीन के साथ सीमा पर चल रहे तनाव के बीच भारत सरकार कई क्षेत्रों में चीनी कंपनियों को प्रतिबंधित कर रही है. बुधवार को ही खबर आई है कि टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने सरकारी दूरसंचार कंपनी BSNL के 4G अपग्रेडेशन के लिए जारी टेंडर को रद्द कर दिया है. संभावना जताई जा रही है कि नए टेंडर में चीनी कंपनियों को बाहर कर दिया जाएगा.
Video: चीन से हमें जितना निवेश मिल सकता है उसे लेना चाहिए: मोहन गुरुस्वामी
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