विज्ञापन
This Article is From Apr 18, 2018

चीन ने दिया भारत-नेपाल-चीन आर्थिक गलियारा बनाने का प्रस्ताव

बैठक के बाद एक संयुक्त प्रेस वार्ता में यी ने कहा कि मुझे यह कहने दीजिए कि चीन और नेपाल ने हिमालय पार एक बहुआयामी संपर्क नेटवर्क स्थापित करने के दीर्घकालीन दृष्टिकोण पर सहमति जताई है.

चीन ने दिया भारत-नेपाल-चीन आर्थिक गलियारा बनाने का प्रस्ताव
चीन के झंडे की फाइल फोटो
नई दिल्ली: चीन ने बुधवार को भारत - नेपाल - चीन आर्थिक गलियारा बनाने का प्रस्ताव दिया है.वह हिमालय के जरिए क्षेत्र में बहुआयामी संपर्क कायम करना चाहता है. माना जा रहा है कि वह ऐसा प्रस्ताव कर नेपाल की प्रधानमंत्री के . पी . शर्मा ओली के नेतृत्व वाली नई सरकार पर अपने प्रभाव को बढ़ाना चाहता है , जिनके बारे में माना जाता है कि वह चीन का समर्थन करते हैं. चीन का यह प्रस्ताव नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ग्वाली की अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात के बाद सामने आया है. बैठक के बाद एक संयुक्त प्रेस वार्ता में यी ने कहा कि मुझे यह कहने दीजिए कि चीन और नेपाल ने हिमालय पार एक बहुआयामी संपर्क नेटवर्क स्थापित करने के दीर्घकालीन दृष्टिकोण पर सहमति जताई है.

यह भी पढ़ें: 2018 और 2019 में चीन से ज्यादा होगी भारत की विकास दर: IMF

हाल में चुनाव के बाद नेपाल में ओली सरकार बनने के बाद ग्वाली अपनी पहली चीन यात्रा पर गए थे. इस दौरान वांग ने कहा कि चीन और नेपाल पहले ही चीन की कई डॉलर वाली बेल्ट एंड रोड पहल ( बीआरआई ) पर हस्ताक्षर कर चुका है जिसका एक हिस्सा संपर्क नेटवर्क के लिए सहयोग बढ़ाना भी है. इसके तहत दोनों देशों के बीच बंदरगाह, रेलवे, राजमार्ग, विमानन, बिजली और संचार संबंधी संपर्क नेटवर्क को स्थापित किया जाना है. वांग यी ने कहा कि हमारा विश्वास है कि इस तरह अच्छे से विकसित संपर्क नेटवर्क चीन, नेपाल और भारत को जोड़ने वाले एक बेहतर आर्थिक गलियारे की स्थापना का मार्ग प्रशस्त कर सकता है.

यह भी पढ़ें: चीन से लेकर पाकिस्‍तान सीमा तक भारतीय वायुसेना कर रही है अब तक का सबसे बड़ा युद्धाभ्‍यास

उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस तरह के सहयोग से तीनों देशों के विकास और समृद्धि में योगदान मिलेगा. एक सवाल के जवाब में कि क्या ग्वाली की चीन यात्रा ओली की भारत यात्रा के बाद संतुलन स्थापित करने की कोशिश है, के जवाब में यी ने कहा कि यह भारत, चीन और नेपाल के बीच त्रिपक्षीय सहयोग की बात है. भारत और चीन को इसका स्वागत करना चाहिए. (इनपुट भाषा से) 

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Previous Article
सीतापुर में भेड़ियों का आतंक, महिला और बच्चों पर किया हमला, दहशत में लोग
चीन ने दिया भारत-नेपाल-चीन आर्थिक गलियारा बनाने का प्रस्ताव
जनता कब किसका स्टीयरिंग बदल दें...; बुलडोजर, जानवर और उपचुनाव पर अखिलेश यादव
Next Article
जनता कब किसका स्टीयरिंग बदल दें...; बुलडोजर, जानवर और उपचुनाव पर अखिलेश यादव
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com