चीन ने भारतीय नौसेना की भूमिका को पूरी तरह 'गायब' कर दिया है, और शिप को बचाने का पूरा श्रेय खुद ले लिया है...
बीजिंग:
अदन की खाड़ी में सोमालियाई समुद्री डाकुओं द्वारा अपहृत कार्गो शिप को बचाने में भारतीय नौसेना की भूमिका को चीन ने पूरी तरह 'गायब' कर दिया है, और शिप को बचाने का पूरा श्रेय खुद ले लिया है.
रविवार को भारतीय रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि भारतीय और चीनी नौसेनाओं ने मिलकर खतरे के उस सिगनल के जवाब में कार्रवाई की थी, जो हाईजैक किए गए तुवालुअन शिप से आया था. शनिवार रात को खतरे का सिगनल मिलने के बाद भारतीय युद्धक पोतों ने कार्गो शिप के कैप्टन से संपर्क साधा, जिन्होंने खुद को स्ट्रॉन्ग रूम में बंद कर लिया था, और पूरा क्रू भी उन्हीं के साथ था, जिसमें फिलीपीन्स के नागरिक थे.
रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया था, "भारतीय नौसेना के हेलीकॉप्टर ने कार्गो शिप के ऊपर हवाई निगरानी रखी, ताकि शिप के ऊपरी डेकों को खाली किया जा सके, और यदि समुद्री डाकू शिप पर ही हों, तो उनके छिपने की जगह का पता लगाया जा सके..."
हेलीकॉप्टर के ऊपर उड़ते रहने, और किसी भी समुद्री डाकू के उपरी डेकों पर मौजूद नहीं होने का संदेश मिल जाने के बाद क्रू के कुछ सदस्य स्ट्रॉन्ग रूम से बाहर निकल आए. उन्होंने पूरे जहाज़ की तलाशी लेकर पुष्टि की समुद्री डाकू रात में ही जहाज़ छोड़कर चले गए हैं.
इसके बाद पास ही में मौजूद चीनी नौसैनिक जहाज़ से एक बोर्डिंग पार्टी वहां पहुंची, और भारतीय नौसेना का हेलीकॉप्टर पूरे ऑपरेशन के दौरान हवाई सुरक्षा देता रहा. बयान में यह भी कहा गया, "यह सुनिश्चित हो चुका है कि सभी फिलीपीनी क्रू सदस्य सुरक्षित हैं..."
यह कार्गो शिप 'ओएस 35' मलेशिया के केलांग से यमन के अदन बंदरगाह जा रहा था, तभी शनिवार रात को उस पर समुद्री डाकुओं ने धावा बोल दिया. भारतीय युद्धक पोत ओवरसीज़ तैनाती के तहत इस इलाके में मौजूद थे.
लेकिन रविवार रात को चीनी नौसेना द्वारा जारी बयान में भारतीय नौसेना का कतई कोई ज़िक्र नहीं किया गया. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि ऑपरेशन से "समुद्री डाकुओं के खिलाफ लड़ने के क्षेत्र में चीनी नौसैना की क्षमता का पता चलता है..."
जब उनसे भारतीय नौसेना की भूमिका के बारे में कुछ नहीं कहे जाने पर सवाल किया गया, हुआ चुनयिंग ने कहा कि किसी भी विवरण के लिए चीन के रक्षा मंत्रालय से संपर्क किया जाए.
उन्होंने पत्रकारों को बताया, "हेलीकॉप्टरों की देखरेख में नौसेना की स्पेशल फोर्स के सदस्य जहाज़ पर चढ़े, और 19 (फिलीपीनी नागरिक) क्रू सदस्यों को बचाया... जहाज़ और उसके क्रू सदस्य बिल्कुल सुरक्षित हैं..."
इस बारे में पूछे जाने पर भारतीय नौसेना के प्रवक्ता ने नई दिल्ली में एक तस्वीर की तरफ इशारा किया, जिसे उन्होंने ट्वीट किया था, और उसमें एक भारतीय हेलीकॉप्टर चीनी नौसेना के जहाज़ के ऊपर उड़ता दिखाई दे रहा है.
दोनों नौसेनाओं की इस मिलीजुली कार्रवाई के बावजूद दोनों देशों के बीच माहौल आजकल तनावपूर्ण है, क्योंकि तिब्बतियों के शीर्ष धर्मगुरु दलाई लामा अरुणाचल प्रदेश गए थे, जिसे चीन अपना हिस्सा बताता रहा है.
रविवार को भारतीय रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि भारतीय और चीनी नौसेनाओं ने मिलकर खतरे के उस सिगनल के जवाब में कार्रवाई की थी, जो हाईजैक किए गए तुवालुअन शिप से आया था. शनिवार रात को खतरे का सिगनल मिलने के बाद भारतीय युद्धक पोतों ने कार्गो शिप के कैप्टन से संपर्क साधा, जिन्होंने खुद को स्ट्रॉन्ग रूम में बंद कर लिया था, और पूरा क्रू भी उन्हीं के साथ था, जिसमें फिलीपीन्स के नागरिक थे.
रक्षा मंत्रालय के बयान में कहा गया था, "भारतीय नौसेना के हेलीकॉप्टर ने कार्गो शिप के ऊपर हवाई निगरानी रखी, ताकि शिप के ऊपरी डेकों को खाली किया जा सके, और यदि समुद्री डाकू शिप पर ही हों, तो उनके छिपने की जगह का पता लगाया जा सके..."
हेलीकॉप्टर के ऊपर उड़ते रहने, और किसी भी समुद्री डाकू के उपरी डेकों पर मौजूद नहीं होने का संदेश मिल जाने के बाद क्रू के कुछ सदस्य स्ट्रॉन्ग रूम से बाहर निकल आए. उन्होंने पूरे जहाज़ की तलाशी लेकर पुष्टि की समुद्री डाकू रात में ही जहाज़ छोड़कर चले गए हैं.
इसके बाद पास ही में मौजूद चीनी नौसैनिक जहाज़ से एक बोर्डिंग पार्टी वहां पहुंची, और भारतीय नौसेना का हेलीकॉप्टर पूरे ऑपरेशन के दौरान हवाई सुरक्षा देता रहा. बयान में यह भी कहा गया, "यह सुनिश्चित हो चुका है कि सभी फिलीपीनी क्रू सदस्य सुरक्षित हैं..."
यह कार्गो शिप 'ओएस 35' मलेशिया के केलांग से यमन के अदन बंदरगाह जा रहा था, तभी शनिवार रात को उस पर समुद्री डाकुओं ने धावा बोल दिया. भारतीय युद्धक पोत ओवरसीज़ तैनाती के तहत इस इलाके में मौजूद थे.
लेकिन रविवार रात को चीनी नौसेना द्वारा जारी बयान में भारतीय नौसेना का कतई कोई ज़िक्र नहीं किया गया. चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि ऑपरेशन से "समुद्री डाकुओं के खिलाफ लड़ने के क्षेत्र में चीनी नौसैना की क्षमता का पता चलता है..."
जब उनसे भारतीय नौसेना की भूमिका के बारे में कुछ नहीं कहे जाने पर सवाल किया गया, हुआ चुनयिंग ने कहा कि किसी भी विवरण के लिए चीन के रक्षा मंत्रालय से संपर्क किया जाए.
उन्होंने पत्रकारों को बताया, "हेलीकॉप्टरों की देखरेख में नौसेना की स्पेशल फोर्स के सदस्य जहाज़ पर चढ़े, और 19 (फिलीपीनी नागरिक) क्रू सदस्यों को बचाया... जहाज़ और उसके क्रू सदस्य बिल्कुल सुरक्षित हैं..."
इस बारे में पूछे जाने पर भारतीय नौसेना के प्रवक्ता ने नई दिल्ली में एक तस्वीर की तरफ इशारा किया, जिसे उन्होंने ट्वीट किया था, और उसमें एक भारतीय हेलीकॉप्टर चीनी नौसेना के जहाज़ के ऊपर उड़ता दिखाई दे रहा है.
Indian Navy Chetak Helicopter on top of PLA Navy boats carrying boarding party to MV OS 35 in coordinated anti piracy ops @SpokespersonMoD pic.twitter.com/ZbZJpHHQOG
— SpokespersonNavy (@indiannavy) April 10, 2017
दोनों नौसेनाओं की इस मिलीजुली कार्रवाई के बावजूद दोनों देशों के बीच माहौल आजकल तनावपूर्ण है, क्योंकि तिब्बतियों के शीर्ष धर्मगुरु दलाई लामा अरुणाचल प्रदेश गए थे, जिसे चीन अपना हिस्सा बताता रहा है.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं