आईएनएस विराट को अंडरवाटर मेमोरियल बनाने का प्रस्ताव
नई दिल्ली:
भारतीय नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने हाल ही में कहा था कि कभी नौसेना की शान रहे और अब रिटायर हो चुके विमान वाहक पोत आईएनएस विराट को चार महीने के भीतर ही तोड़ने के लिए बेच दिया जाएगा. इसके एक हफ्ते बाद अब NDTV को जानकारी मिली है कि महाराष्ट्र सरकार के पास इसे लेकर एक अलग ही योजना है. सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार की रुचि इस पोत का अधिग्रहण कर और इसे डुबाकर पानी के अंदर मेमोरियल बनाने में है. यह काम मुंबई से दक्षिण में करीब 500 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सिंधुदुर्ग के तट पर किए जाने की योजना है.
प्रस्तावित मेमोरियल एक कृत्रिम चट्टान (रीफ) की तरह हो जाएगा और यह एक विश्वस्तरीय स्कूबा डाइविंग की जगह भी होगी. NDTV को हासिल राज्य सरकार के पर्यटन विभाग के प्रस्ताव के अनुसार इससे न केवल सिंधुदुर्ग इलाके में बल्कि रत्नागिरी में भी पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.
करीब छह दशकों की सेवा के बाद 6 मार्च को विराट के रिटायर होने से एक दिन पहले ही नौसेना प्रमुख ने NDTV से कहा था कि वह नहीं चाहते कि आईएनएस विराट इस बात का अंतहीन इंतजार करे कि कोई राज्य सरकार इसके अधिग्रहण के लिए आगे आए. हालांकि उन्होंने सलाह दी थी कि एक प्रस्ताव यह हो सकता है कि हम इसे अपने किसी बड़े पर्यटन बंदरगाह के पास समुद्र में डुबो दें जहां कुछ अन्य विमान वाहक पोत पहले सही डुबोए गए हैं, और इसे नौसैन्य संग्रहालय में तब्दील कर दें. यह वहां एक विरासत के रूप में होगी.
पर्यटन अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र की योजना आईएनएस विराट को दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा अंडरवाटर मेमोरियल और कृत्रिम रीफ बनाकर इसके नाम और अस्तित्व को इतिहास में बनाए रखना है. एनडीटीवी को यह भी पता चला है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को प्रस्ताव के बारे में बता दिया गया है और राज्य सरकार कुछ दिनों के अंदर रक्षा मंत्रलाय को विराट के अधिग्रहण के लिए आधिकारिक रूप से प्रस्ताव भेजेगी.
विशेषज्ञों ने महाराष्ट्र सरकार को सलाह दी है कि विराट को विजयदुर्ग से 24 किलोमीटर पश्चिम में अरब सागर में डुबो दिया जाए जहां पानी बिल्कुल साफ है. आईएनएस विराट को विस्फोटकों की मदद से करीब 50 मीटर की गहराई में डुबोया जाएगा और यह स्कूबा डाइविंग के लिए अलग ही रोमांच के लिए उपलब्ध होगा. जहाज का ऊपरी हिस्सा समुद्र तल से करीब 10 मीटर की गहराई पर होगा. प्रस्ताव के अनुसार इस अंडरवाटर मेमोरियल से 500 युवाओं के लिए प्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध होगा जबकि 4000 लोगों को इससे अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा.
इस पुराने युद्धपोत से हानिकारक एस्बेस्टस और वायरिंग को निकालने के बाद साल भर तक चलने वाली लंबी प्रक्रिया शुरू होगी. अंतत: आईएनएस विराट क्षेत्र में समुद्री जीवन के लिए अभयारण्य भी बन सकता है. डूबे हुए जहाज कई प्रकार के समुद्री आवास का निर्माण करते हैं जो समुद्री जीवन को बढ़ावा देते हैं और सूक्ष्म पर्यावरण व्यवस्था बनाते हैं. स्कूबा डाइविंग में 'रेक डाइविंग' को सबसे बड़ा आकर्षण माना जाता है और भारत में स्कूबा डाइविंग ऑपरेटरों द्वारा शायद ही इसकी पेशकश की जाती है. अमेरिका में कई जहाजों को डुबाकर अंडरवाटर मेमोरियल बनाया गया है
साल 2006 में अमेरिका ने अपने किस्म के सबसे बड़े कृत्रिम रीफ के निर्माण के लिए अपने रिटायर विमान वाहक पोत यूएसएस ओरिसकैनी को फ्लोरिडा के तट पर डुबो दिया था. वास्तव में फ्लोरिडा के तट पर कई जहाज डुबोए जा चुके हैं जिससे पर्यटकों के जरिए सरकार को सालाना 95 मिलियन डॉलर से ज्यादा का राजस्व प्राप्त होता है.
आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा आईएनएस विराट का अधिग्रहण कर उसे तैरते होटल एवं संग्राहलय में तब्दील करने के प्रस्ताव पर कदम एक तरह से पीछे खींच लिए जाने के बाद नौसेना ने इसे स्क्रैप करने का निर्णय लिया था. आंध्र प्रदेश सरकार के इस प्रस्ताव पर करीब 1000 करोड़ रुपये खर्च आता.
प्रस्तावित मेमोरियल एक कृत्रिम चट्टान (रीफ) की तरह हो जाएगा और यह एक विश्वस्तरीय स्कूबा डाइविंग की जगह भी होगी. NDTV को हासिल राज्य सरकार के पर्यटन विभाग के प्रस्ताव के अनुसार इससे न केवल सिंधुदुर्ग इलाके में बल्कि रत्नागिरी में भी पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा.
करीब छह दशकों की सेवा के बाद 6 मार्च को विराट के रिटायर होने से एक दिन पहले ही नौसेना प्रमुख ने NDTV से कहा था कि वह नहीं चाहते कि आईएनएस विराट इस बात का अंतहीन इंतजार करे कि कोई राज्य सरकार इसके अधिग्रहण के लिए आगे आए. हालांकि उन्होंने सलाह दी थी कि एक प्रस्ताव यह हो सकता है कि हम इसे अपने किसी बड़े पर्यटन बंदरगाह के पास समुद्र में डुबो दें जहां कुछ अन्य विमान वाहक पोत पहले सही डुबोए गए हैं, और इसे नौसैन्य संग्रहालय में तब्दील कर दें. यह वहां एक विरासत के रूप में होगी.
पर्यटन अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार, महाराष्ट्र की योजना आईएनएस विराट को दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा अंडरवाटर मेमोरियल और कृत्रिम रीफ बनाकर इसके नाम और अस्तित्व को इतिहास में बनाए रखना है. एनडीटीवी को यह भी पता चला है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को प्रस्ताव के बारे में बता दिया गया है और राज्य सरकार कुछ दिनों के अंदर रक्षा मंत्रलाय को विराट के अधिग्रहण के लिए आधिकारिक रूप से प्रस्ताव भेजेगी.
विशेषज्ञों ने महाराष्ट्र सरकार को सलाह दी है कि विराट को विजयदुर्ग से 24 किलोमीटर पश्चिम में अरब सागर में डुबो दिया जाए जहां पानी बिल्कुल साफ है. आईएनएस विराट को विस्फोटकों की मदद से करीब 50 मीटर की गहराई में डुबोया जाएगा और यह स्कूबा डाइविंग के लिए अलग ही रोमांच के लिए उपलब्ध होगा. जहाज का ऊपरी हिस्सा समुद्र तल से करीब 10 मीटर की गहराई पर होगा. प्रस्ताव के अनुसार इस अंडरवाटर मेमोरियल से 500 युवाओं के लिए प्रत्यक्ष रूप से रोजगार उपलब्ध होगा जबकि 4000 लोगों को इससे अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा.
इस पुराने युद्धपोत से हानिकारक एस्बेस्टस और वायरिंग को निकालने के बाद साल भर तक चलने वाली लंबी प्रक्रिया शुरू होगी. अंतत: आईएनएस विराट क्षेत्र में समुद्री जीवन के लिए अभयारण्य भी बन सकता है. डूबे हुए जहाज कई प्रकार के समुद्री आवास का निर्माण करते हैं जो समुद्री जीवन को बढ़ावा देते हैं और सूक्ष्म पर्यावरण व्यवस्था बनाते हैं. स्कूबा डाइविंग में 'रेक डाइविंग' को सबसे बड़ा आकर्षण माना जाता है और भारत में स्कूबा डाइविंग ऑपरेटरों द्वारा शायद ही इसकी पेशकश की जाती है.
साल 2006 में अमेरिका ने अपने किस्म के सबसे बड़े कृत्रिम रीफ के निर्माण के लिए अपने रिटायर विमान वाहक पोत यूएसएस ओरिसकैनी को फ्लोरिडा के तट पर डुबो दिया था. वास्तव में फ्लोरिडा के तट पर कई जहाज डुबोए जा चुके हैं जिससे पर्यटकों के जरिए सरकार को सालाना 95 मिलियन डॉलर से ज्यादा का राजस्व प्राप्त होता है.
आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा आईएनएस विराट का अधिग्रहण कर उसे तैरते होटल एवं संग्राहलय में तब्दील करने के प्रस्ताव पर कदम एक तरह से पीछे खींच लिए जाने के बाद नौसेना ने इसे स्क्रैप करने का निर्णय लिया था. आंध्र प्रदेश सरकार के इस प्रस्ताव पर करीब 1000 करोड़ रुपये खर्च आता.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
आईएनएस विराट, INS Viraat, अंडरवाटर मेमोरियल, Underwater Memorial, आईएनएस विराट मेमोरियल, INS Viraat Memorial