नई दिल्ली:
केंद्रीय गृह मंत्री पी. चिदम्बरम ने बुधवार को कहा कि योग गुरु बाबा रामदेव के पीछे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का हाथ है। एक टेलीविजन चैनल साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि आरएसएस ने बाबा रामदेव को अपने भ्रष्टाचार विरोधी मोर्चे के संरक्षक के रूप में खड़ा किया है। चिदम्बरम ने कहा, "बाबा रामदेव के पीछे कौन है? हम कर्नाटक के पुत्थुर में आरएसएस की शीर्ष इकाई अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के मार्च 2011 में हुए सम्मेलन पर गौर करें ...(इसमें) आरएसएस ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने वाले लोगों और संस्थाओं को समर्थन देने का निर्णय लिया था।" "आरएसएस ने सात अप्रैल को भ्रष्टाचार के खिलाफ मोर्चे के गठन की घोषणा की थी, जिसके संरक्षक बाबा रामदेव हैं।" केंद्रीय गृह मंत्री ने सामाजिक संगठनों पर संसदीय लोकतंत्र के महत्व को कम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "मैं बात करने और आवाज उठाने के लिए सामाजिक संगठनों का समर्थन करता हूं, लेकिन मैं निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा अपने दायित्व तथा जिम्मेदारियां सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों को सौंप देने का समर्थन नहीं करता।" उन्होंने मीडिया को भी आड़े हाथों लिया और कहा, "मुझे लगता है कि मीडिया का एक धड़ा, मैं नहीं जानता किन कारणों से, इन आंदोलनों की कवरेज की प्रतिस्पर्धा में जुटा है। इससे संसदीय लोकतंत्र की अनदेखी होती है। जब कोई केंद्रीय वित्त मंत्री को टेलीविजन पर बहस की चुनौती देता है तो वह इस तथ्य को भूल जाता है कि बहस संसद में होती है और मतदाता संसदीय कार्यवाही देखते हैं तथा समय-समय पर अपने मताधिकार का इस्तेमाल करते हैं।" रामलीला मैदान पर चार जून को देर रात बाबा रामदेव और उनके समर्थकों के खिलाफ हुई कार्रवाई में एक महिला के गम्भीर रूप से घायल होने पर उन्होंने दु:ख जताया।
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