ध्वजारोहण का दृश्य.
नई दिल्ली:
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में रहने वाली आदिवासी कार्यकर्ता सोनी सोरी ने पुलिस के दबाव और नक्सलियों की धमकियों की परवाह न करते हुए माओवादियों के गढ़ में तिरंगा फहराया. सोनी सोरी कुछ ग्रामीणों और कार्यकर्ताओं के साथ 15 अगस्त को गोमपाड़ पहुंची और वहां झंडारोहण किया.
सोनी सोरी नक्सलवाद से लड़ने के नाम पर आदिवासियों पर जुल्म के खिलाफ आवाज उठाती रही हैं जिसकी वजह से उन्हें पुलिस के गुस्से का शिकार होना पड़ा है. पिछले दिनों गोमपाड़ में हुई घटनाओं को लेकर भी सोनी सोरी ने सवाल उठाए थे. सोनी सोरी ने नक्सलियों के दबाव का विरोध करने और उनके भारतीय लोकतंत्र में भरोसा न करने की सोच को चुनौती देने के लिए गोमपाड़ जाकर झंडा फहराने का फैसला किया और आखिरकार वह इस काम में सफल भी रहीं.
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में सोनी सोरी ने आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था लेकिन वह हार गई थीं लेकिन वह लंबे समय से स्थानीय जनता के पक्ष में आवाज उठाती रही हैं.
सोनी सोरी नक्सलवाद से लड़ने के नाम पर आदिवासियों पर जुल्म के खिलाफ आवाज उठाती रही हैं जिसकी वजह से उन्हें पुलिस के गुस्से का शिकार होना पड़ा है. पिछले दिनों गोमपाड़ में हुई घटनाओं को लेकर भी सोनी सोरी ने सवाल उठाए थे. सोनी सोरी ने नक्सलियों के दबाव का विरोध करने और उनके भारतीय लोकतंत्र में भरोसा न करने की सोच को चुनौती देने के लिए गोमपाड़ जाकर झंडा फहराने का फैसला किया और आखिरकार वह इस काम में सफल भी रहीं.
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में सोनी सोरी ने आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था लेकिन वह हार गई थीं लेकिन वह लंबे समय से स्थानीय जनता के पक्ष में आवाज उठाती रही हैं.
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