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This Article is From May 26, 2013

नक्सलियों ने कैसे दिया इस घातक हमले को अंजाम...

रायपुर: सुकमा में कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के तहत सभा हुई और सभा के बाद यात्रा जगदलपुर की ओर रवाना हुई। यात्रा में वीसी शुक्ल, महेंद्र कर्मा, नंद कुमार पटेल के अलावा कांग्रेस के अन्य नेताओं, कार्यकर्ताओं और सुरक्षाकर्मियों समेत करीब 120 लोग शामिल
थे।

यात्रा में 20 गाड़ियों का काफिला चल रहा था। बड़े नेताओं को रैली से लौटते वक्त अलग−अलग रास्ता लेना था। नक्सली प्रभावित इलाकों के लिए बड़े नेताओं को हिदायत है कि वे कभी भी एक काफिले के साथ सफर न करें। वीआईपी मूवमेंट के गुजरने से एक घंटे पहले पुलिस रास्तों और उसके आसपस के इलाकों की तलाशी लेती है। दरभा में सीआरपीएफ ने 3−4 घंटे पहले ही रास्तों की तलाशी का काम कर लिया था। सर्च ऑपरेशन 3−4 घंटे पहले होने से नक्सलियों को जमा होने का वक्त मिल गया और वे हमले की जगह पर जमा हो गए।

नक्सलियों ने बारूदी सुरंग से विस्फोट करने से पूर्व पेड़ गिराकर सड़क को बाधित कर दिया था। बारूदी सुरंग विस्फोट में काफिले का एक वाहन भी चपेट में आ गया। इसके बाद करीब 250-300 नक्सलियों ने गाड़ियों पर जमकर फायरिंग की। हमले के बाद नक्सलियों ने समीप के पेड़ों में आग भी लगा दी।

हमले के दौरान नक्सलियों द्वारा अगवा छत्तीसगढ़ के कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल और उनके बेटे दिनेश पटेल के गोलियों से छलनी शव आज बस्तर की जिराम घाटी से मिले। हमले के दौरान कल कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा की मौके पर ही मौत हो गई थी। हमले में बुरी तरह घायल हुए वीसी शुक्ला के पेट और पीठ में तीन गोलियां लगी हैं। उनकी हालत गंभीर बनी हुई है और उन्हें इलाज के लिए गुड़गांव के मेदांता अस्पताल लाया गया है। शुक्ला कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं। वह कई बार केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी सरकार में सूचना प्रसारण मंत्री के रूप में वह चर्चा में आए थे।

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