रायपुर:
छत्तीसगढ़ में सुकमा जिले के जगदलपुर के नक्सली हमले में कांग्रेसी नेता के सुरक्षा अधिकारी और ड्राइवर ने कथित तौर पर अपनी बंदूक की अंतिम गोली खुद को मार ली। इससे पहले दोनों ने नक्सलियों के साथ जमकर लोहा लिया। राज्य में हुए इस नक्सली हमले में कांग्रेस नेताओं समेत 25 लोगों की मौत हो गई और 32 अन्य जख्मी हो गए।
इस हमले में वरिष्ठ कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा और छत्तीसगढ़ के कांग्रेस प्रमुख नंद कुमार पटेल की मौत हो गई है। इसी हमले में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता विद्या चरण शुक्ला गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। शुक्ला को बेहतर इलाज के लिए गुड़गांव के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
रिपोर्टों के अनुसार, करीब 250 हमलावरों ने कांग्रेस नेताओं के काफिले पर पहले लैंडमाइन के जरिये हमला किया, फिर जैसे ही काफिला रुका चारों तरफ से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी गई। इस बीच नेताओं के साथ लगे सुरक्षा कर्मियों ने भी नक्सलियों के हमले का जवाब देने का प्रयास किया, लेकिन जल्द ही उनकी गोलियां खत्म हो गई।
कर्मा के परिवार के करीबी सुरेंद्र कच्छ ने आज ट्वीट कर कहा, 'वीसी शुक्ला के पीएसओ और नंद कुमार पटेल के ड्राइवर ने कहा, माफ कीजिएगा, हमारी गोलियां खत्म हो गई हैं, हम आपको सुरक्षित रखने में नाकाम रहे हैं और इसके बाद दोनों ने खुद को गोली मार ली'
बताया जा रहा है कि करीब एक दर्जन सुरक्षाकर्मियों की गोलियां खत्म हो जाने के बाद नक्सलियों ने काफिले को घेर लिया और सभी के मोबाइल फोन लेने के बाद गोलियों से भून डाला।
बता दें कि कर्मा वही आदिवासी नेता हैं, जिन्होंने नक्सल विरोधी अभियान 'सलवा जुडूम' का नेतृत्व किया था। राज्य में कांग्रेस की सरकार के दौरान वह गृहमंत्री रहे थे। पिछले साल भी उनपर जानलेवा हमला हुआ था और उन्हें जेड-प्लस सुरक्षा दी गई थी।
सूत्र बता रहे हैं कि स्थानीय पुलिस और नेताओं ने सुरक्षा के मापदंडों को नजरअंदाज किया था।
इस हमले में वरिष्ठ कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा और छत्तीसगढ़ के कांग्रेस प्रमुख नंद कुमार पटेल की मौत हो गई है। इसी हमले में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता विद्या चरण शुक्ला गंभीर रूप से घायल हो गए हैं। शुक्ला को बेहतर इलाज के लिए गुड़गांव के अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
रिपोर्टों के अनुसार, करीब 250 हमलावरों ने कांग्रेस नेताओं के काफिले पर पहले लैंडमाइन के जरिये हमला किया, फिर जैसे ही काफिला रुका चारों तरफ से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी गई। इस बीच नेताओं के साथ लगे सुरक्षा कर्मियों ने भी नक्सलियों के हमले का जवाब देने का प्रयास किया, लेकिन जल्द ही उनकी गोलियां खत्म हो गई।
कर्मा के परिवार के करीबी सुरेंद्र कच्छ ने आज ट्वीट कर कहा, 'वीसी शुक्ला के पीएसओ और नंद कुमार पटेल के ड्राइवर ने कहा, माफ कीजिएगा, हमारी गोलियां खत्म हो गई हैं, हम आपको सुरक्षित रखने में नाकाम रहे हैं और इसके बाद दोनों ने खुद को गोली मार ली'
बताया जा रहा है कि करीब एक दर्जन सुरक्षाकर्मियों की गोलियां खत्म हो जाने के बाद नक्सलियों ने काफिले को घेर लिया और सभी के मोबाइल फोन लेने के बाद गोलियों से भून डाला।
बता दें कि कर्मा वही आदिवासी नेता हैं, जिन्होंने नक्सल विरोधी अभियान 'सलवा जुडूम' का नेतृत्व किया था। राज्य में कांग्रेस की सरकार के दौरान वह गृहमंत्री रहे थे। पिछले साल भी उनपर जानलेवा हमला हुआ था और उन्हें जेड-प्लस सुरक्षा दी गई थी।
सूत्र बता रहे हैं कि स्थानीय पुलिस और नेताओं ने सुरक्षा के मापदंडों को नजरअंदाज किया था।
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