चेन्नई की बाढ़ में फंसे हुए कई लोगों के लिए फ्लाइट पकड़कर अपने पड़ोसी शहर जाना भी किसी सपने से कम नहीं है। इसकी वजह न सिर्फ चेन्नई हवाई अड्डे का बंद होना है बल्कि इसलिए भी क्योंकि सिर्फ एक तरफ की हवाई टिकट का किराया तकरीबन 50 हज़ार रुपए है। गुरूवार और शुक्रवार को बेंगलुरू से उड़ान भरने वाली घरेलू फ्लाइट के किराए ने आसामान छू लिया। बेंगलुरू से दिल्ली जाने वाली एयरइंडिया की बिज़नेस क्लास का टिकट 51,750 रुपए और जेट एयरवेज़ का टिकट 47 हज़ार रुपए पहुंच गया है।
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चेन्नई की मुश्किलों से जैसे तैसे करके बाहर निकलकर बेंगलुरू पहुंचे शुभम आर्या कहते हैं 'मुझे जयपुर की फ्लाइट लेनी थी लेकिन टिकट 26 हज़ार की थी इसलिए मैं नहीं जा पाया।' वहीं अहमदाबाद जाने वाली फ्लाइट 20 हज़ार और मुंबई के लिए 19 हज़ार रुपए का भाड़ा ले रही है जिसे यात्रियों के साथ ही विशेषज्ञों की निंदा भी झेलनी पड़ रही है। इन बढ़ी कीमतों की वजह एयरलाइन कंपनियों के लिए भाड़े को लेकर अस्पष्ट नियमों की कमी को बताया जा रहा है।
एयरलाइन कंपनियों का दावा
भारतीय हवाई यात्री संगठन के अध्यक्ष सुधाकर रेड्डी कहते हैं - जरूरी है कि नागरिक उड्डायन प्राधिकरण कीमतों पर निगरानी रखे और जो ऐसा नहीं करते उन्हें दंडित किया जाना चाहिए। इस बीच एयरलाइन कंपनियों का दावा है कि उन्होंने चेन्नई से बाहर जाने के लिए विशेष फ्लाइट का प्रबंधन किया है। कहा गया है 'हम दरअसल दो चीज़ें कर रहे हैं जिसमें से एक है विशेष फ्लाइट का संचालन जिसमें हम लोगों को नौसेना के नज़दीकी बेस तक छोड़ रहे हैं। यह चेन्नई से 45 मिनट की दूरी पर है तो या तो सेना खुद ही यात्रियों को एयरलिफ्ट कर रही है या फिर हम इस काम को अंजाम दे रहे हैं।
जानें - तमिलनाडु त्रासदी के हाल
बता दें कि चेन्नई हवाई अड्डे को पानी भर जाने की वजह से मंगलवार को बंद कर दिया गया था। खबरें थी कि शनिवार को एयरपोर्ट आंशिक रूप से चालू हो जाएगा लेकिन नागरिक उड्डयन मंत्री महेश शर्मा ने जानकारी दी है कि इस काम में अभी दो दिन और लग सकते हैं।
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चेन्नई की मुश्किलों से जैसे तैसे करके बाहर निकलकर बेंगलुरू पहुंचे शुभम आर्या कहते हैं 'मुझे जयपुर की फ्लाइट लेनी थी लेकिन टिकट 26 हज़ार की थी इसलिए मैं नहीं जा पाया।' वहीं अहमदाबाद जाने वाली फ्लाइट 20 हज़ार और मुंबई के लिए 19 हज़ार रुपए का भाड़ा ले रही है जिसे यात्रियों के साथ ही विशेषज्ञों की निंदा भी झेलनी पड़ रही है। इन बढ़ी कीमतों की वजह एयरलाइन कंपनियों के लिए भाड़े को लेकर अस्पष्ट नियमों की कमी को बताया जा रहा है।
एयरलाइन कंपनियों का दावा
भारतीय हवाई यात्री संगठन के अध्यक्ष सुधाकर रेड्डी कहते हैं - जरूरी है कि नागरिक उड्डायन प्राधिकरण कीमतों पर निगरानी रखे और जो ऐसा नहीं करते उन्हें दंडित किया जाना चाहिए। इस बीच एयरलाइन कंपनियों का दावा है कि उन्होंने चेन्नई से बाहर जाने के लिए विशेष फ्लाइट का प्रबंधन किया है। कहा गया है 'हम दरअसल दो चीज़ें कर रहे हैं जिसमें से एक है विशेष फ्लाइट का संचालन जिसमें हम लोगों को नौसेना के नज़दीकी बेस तक छोड़ रहे हैं। यह चेन्नई से 45 मिनट की दूरी पर है तो या तो सेना खुद ही यात्रियों को एयरलिफ्ट कर रही है या फिर हम इस काम को अंजाम दे रहे हैं।
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बता दें कि चेन्नई हवाई अड्डे को पानी भर जाने की वजह से मंगलवार को बंद कर दिया गया था। खबरें थी कि शनिवार को एयरपोर्ट आंशिक रूप से चालू हो जाएगा लेकिन नागरिक उड्डयन मंत्री महेश शर्मा ने जानकारी दी है कि इस काम में अभी दो दिन और लग सकते हैं।
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