
सुरेश प्रभु ने अधिकारियों को आगाह करते हुए कहा है कि वे ट्रेनों की समय पाबंदी में सुधार लाएं या 'कार्रवाई का सामना करें.' (फाइल फोटो)
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रात 10 बजे से सुबह 7 बजे के बीच एक वरिष्ठ अधिकारी की तत्काल तैनाती होगी.
तैनात अधिकारी ट्रेनों के परिचालन की स्थिति की निगरानी करेंगे.
अधिकारियों को लिखे एक पत्र में प्रभु ने समस्याओं को दूर करने को कहा.
जोनल प्रमुखों से कहा गया है कि रात में 10 बजे से सुबह सात बजे के बीच रात्रिकालीन पाली में एक वरिष्ठ अधिकारी की तत्काल तैनाती की जाए. तैनात अधिकारी स्थिति की निगरानी करेंगे और ट्रेनों के परिचालन में देरी को रोकने के लिए अगर कोई समस्या है तो उसे दूर करेंगे.
इसके साथ ही प्रभु ने उन विसंगितियों पर भी गौर किया है, जिसमें भारतीय रेल की आधिकारिक वेबसाइट नेशनल ट्रेन इनक्वायरी सिस्टम (एनटीईएस) पर उपलब्ध आंकड़ों और ट्रेनों के चलने के वास्तविक समय में अंतर महसूस किया जाता है.
अधिकारियों को लिखे एक पत्र में प्रभु ने समस्याओं को दूर करने के लिए तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने को कहा है. एक से लेकर 15 अप्रैल के बीच के समय में ट्रेनों के समय से चलने की दर घटकर 79 प्रतिशत रह गई, जो पिछले साल की समान अवधि में 84 प्रतिशत थी.
पत्र में प्रभु ने ट्रेनों के देर से चलने पर चिंता जताई और अधिकारियों को निर्देश दिया कि तत्काल प्रभाव से वरिष्ठ अधिकारी रात्रिकालीन पाली में करीबी निगरानी करें. (इनपुट भाषा से)
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